Bharti Airtel और Reliance Jio ने हाल ही में Elon Musk की कंपनी SpaceX के साथ Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए करार किया है. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और ET की रिपोर्ट के मुताबिक, इन दोनों टेलिकॉम दिग्गजों के यूजर्स के लिए Starlink की सर्विस सीधे कंपनी से लेने के मुकाबले सस्ती हो सकती है.
ऐसा इसलिए क्योंकि Jio और Airtel इसे अपनी मौजूदा सर्विसेज के साथ जोड़कर आसान पेमेंट और इंस्टॉलेशन ऑप्शन्स के साथ पेश कर सकते हैं. लेकिन क्या ये वाकई भारत में गेम-चेंजर होगा? आइए समझते हैं.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि Jio और Airtel अपने विशाल नेटवर्क और रिटेल चैनल्स का इस्तेमाल करके Starlink को एक स्टैंडअलोन प्रोडक्ट की बजाय अपने पैकेज का हिस्सा बना सकते हैं.
EY India के टेलिकॉम सेक्टर लीडर प्रशांत सिंघल के मुताबिक, “लोकल टेलिकॉम कंपनियों के साथ पार्टनरशिप से सैटेलाइट कंज्यूमर प्रिमाइसेस इक्विपमेंट (CPE) की ऊंची लागत को कम करने में मदद मिलेगी. साथ ही, टेलिकॉम कंपनियां इसे ग्राहकों के लिए एक वैल्यू एडिशन के तौर पर ऑफर कर सकती हैं.”
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उनका मानना है कि ये टाई-अप सभी के लिए फायदेमंद है—सैटेलाइट कंपनियों को नए कस्टमर्स मिलेंगे, और टेलिकॉम ऑपरेटर्स बिना ज्यादा इनफ्रा खर्च के कवरेज बढ़ा सकेंगे. लेकिन इसका सक्सेस सही प्राइसिंग पर टिका है.
Starlink की मौजूदा कीमत भारत जैसे देश के लिए बड़ी चुनौती है. अमेरिका में इसकी मंथली कॉस्ट $120 से $500 (₹10,000-₹42,000) के बीच है. हार्डवेयर के लिए एक बार में $599-2500 (₹50,000-₹2 लाख) देने पड़ते हैं. केन्या जैसे देशों में यह सस्ता है—$10 (₹840) मंथली और $178-381 (₹15,000-₹32,000) हार्डवेयर कॉस्ट.
वहीं, भारत में फिक्स्ड ब्रॉडबैंड का औसत रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) सिर्फ $6-8 (₹500-670) है. Jio और Airtel के प्लान्स ₹399 से शुरू होते हैं, जो 30 Mbps से 1 Gbps की स्पीड देते हैं. Bernstein की रिपोर्ट कहती है कि Starlink की कीमत भारत के बड़े ब्रॉडबैंड प्रोवाइडर्स से 10-14 गुना ज्यादा है. “भारत जैसे देश में, खासकर ग्रामीण इलाकों के लिए यह बहुत महंगा है. बिना सरकारी सब्सिडी के Starlink को सस्ते ऑप्शन्स से टक्कर लेना मुश्किल होगा.”
एक्सपर्ट्स के अनुसार, Starlink को डिफेंस, हेल्थकेयर और एयरलाइन्स जैसे सेक्टर्स में कुछ डिमांड मिल सकती है. लेकिन मास रिटेल में इसका चलन कम रहेगा, क्योंकि मौजूदा टेलिकॉम नेटवर्क्स का कवरेज मजबूत है और सैटेलाइट इंटरनेट महंगा है. Jio और Airtel के साथ टाई-अप से ये टेलिकॉम कंपनियां दूरदराज के इलाकों में प्रीमियम सर्विस दे सकेंगी. यह B2B कनेक्टिविटी को भी बढ़ाएगा, जहां फाइबर या FWA (फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस) नहीं है.
Jio और Airtel Starlink को अपने बंडल ऑफर्स में शामिल करके इसकी हार्डवेयर कॉस्ट (जो करीब ₹15,000 से शुरू हो सकती है) को किश्तों में बांट सकते हैं. इससे ये थोड़ा सस्ता लगेगा. लेकिन फाइबर और FWA अभी भी सस्ते और तेज ऑप्शन्स बने रहेंगे. एनालिस्ट्स का मानना है कि Starlink का फायदा उन इलाकों में होगा, जहां पारंपरिक नेटवर्क्स नहीं पहुंचते—जैसे पहाड़ी क्षेत्र या ग्रामीण गांव.
उदाहरण के लिए अगर Jio इसे ₹1000-1500 मंथली के साथ बंडल करता है तो यह प्रीमियम यूजर्स को लुभा सकता है. लेकिन मास मार्केट के लिए यह अभी भी ₹399 वाले Jio Fiber से महंगा रहेगा.
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