भारत के लिए अंतरिक्ष में फिर से गौरव का क्षण आने वाला है. लगभग 40 साल बाद कोई भारतीय स्पेस जाने वाला है. भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा. आपको बता दें कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 40 साल बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनने जा रहे हैं.
2025 में होने वाले Axiom-4 (Ax-4) मिशन में शुक्ला पायलट होंगे. वह 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा के मिशन के बाद भारत के दूसरे सरकारी-प्रायोजित मानव अंतरिक्ष उड़ान का हिस्सा होंगे. आपको बता दें कि यह ऐतिहासिक यात्रा भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक सहयोगी पहल का हिस्सा है.
यह यात्रा मानव अंतरिक्ष उड़ान के क्षेत्र में भारत की बढ़ती क्षमताओं को दिखाएगा. आपको बता दें कि Ax-4 मिशन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. लगभग 1 साल पहले भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने मानव अंतरिक्ष उड़ान सेवाओं में विशेषज्ञता रखने वाली अमेरिका स्थित कंपनी Axiom Space के साथ एक समझौता किया था.
Ax-4 मिशन के पायलट के रूप में शुभांशु शुक्ला को जरूरी अंतरिक्ष यान संचालन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. इसमें नेविगेशन और डॉकिंग प्रक्रियाएं शामिल हैं. Axiom Space की कमांडर पेगी व्हिटसन के अनुसार, शुक्ला सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में प्रयोगों को स्थापित और प्रबंधित कर साइंटिस्ट रिसर्च करेंगे. व्हिटसन ने एक ईमेल इंटरव्यू में यह भी बताया कि शुक्ला इस मिशन की सफलता में योगदान के लिए पूरी तरह से तैयार है.
Ax-4 मिशन में शुक्ला ISS में पांच प्रयोग करेंगे. इससे वह जरूरी और महत्वपूर्ण डेटा उपलब्ध करवाएंगे. इस अनुभव के इस्तेमाल से भारत के पहले मानव मिशन Gaganyaan कार्यक्रम को बेहतर बनाने की उम्मीद है. जिससे ISRO को अंतरिक्ष उड़ान संचालन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बारे में जानकारी मिलेगी.
आपको बता दें कि शुक्ला और उनके बैकअप साथी भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर सुरक्षा प्रोटोकॉल, स्वास्थ्य प्रबंधन और ISS संचालन को कवर करते हुए ट्रेनिंग लेंगे. वह इमरजेंसी स्थिति को देखते हुए उस पर रिएक्शन भी देंगे ताकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वह तैयार हो सके. उनकी टीम में पोलैंड और हंगरी के विशेषज्ञ भी रहेंगे.