मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो भारत की 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में शीर्ष बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी है, जिसने 88,078 करोड़ रुपये के 24,740 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण किया। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को घोषणा की। 40 राउंड के साथ सात दिनों तक चली नीलामी में सुनील मित्तल की भारती एयरटेल 43,084 करोड़ रुपये के विभिन्न बैंडों में 19,867 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम के साथ दूसरी सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी थी।
मंत्री के अनुसार, तीसरे स्थान पर वोडाफोन आइडिया को 2,668 मेगाहट्र्ज की कीमत 18,784 करोड़ रुपये मिली, जबकि अदाणी समूह की एक इकाई ने 26 गीगाहट्र्ज बैंड में 400 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम हासिल किया।
कुल मिलाकर, देश ने इस नवीनतम नीलामी में कुल 5जी स्पेक्ट्रम के 71 प्रतिशत के लिए 1,50,173 करोड़ रुपये की बोलियां देखीं।
मंत्री ने कहा, "लगभग 72,098 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए पेशकश की गई थी और उसमें से 51,236 मेगाहट्र्ज की बिक्री हो चुकी है।"
रिलायंस जियो ने सभी 22 सर्लों में अधिक महंगा 700 मेगाहट्र्ज लिया। बैंड की रेंज 5-10 किमी से है जो अच्छा बेस कवरेज देती है।
एमडी और सीईओ, भारती एयरटेल, गोपाल विट्टल ने कहा, "हमें विश्वास है कि हम कवरेज, गति और विलंबता के मामले में भारत में सर्वश्रेष्ठ 5जी अनुभव प्रदान करने में सक्षम होंगे। इससे हम अपने बी2सी और बी2बी दोनों ग्राहकों के लिए कई स्थापित प्रतिमानों को बदल सकेंगे।"
इसके अलावा, इस स्पेक्ट्रम अधिग्रहण ने एयरटेल को स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) के लिए भुगतान को काफी कम करने और नए प्रवेशकों की तुलना में प्रतिकूल एसयूसी आर्ब्रिटेज को खत्म करने में सक्षम बनाया है।
एयरटेल ने कहा कि उसकी अब देश के हर हिस्से में 5जी सेवाएं शुरू करने की योजना है, जिसकी शुरूआत प्रमुख शहरों से होगी।
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक एसोसिएशन (आईसीईए) के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने आईएएनएस को बताया कि उन्हें खुशी है कि 5जी रोलआउट औपचारिक रूप से शुरू हो गया है।
उन्होंने कहा, "यह अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन होगा। मोबाइल हैंडसेट उद्योग पहले से ही बाजार में 125 से अधिक 5जी मॉडल के साथ तैयार है, 15,000 रुपये का बेंचमार्क टूट गया है और 10,000 रुपये की संभावना है।"
(शीर्षक को छोड़कर, IANS का यह लेख अन-एडिटिड है)