नोकिया और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली (आईआईटी-दिल्ली) ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, ताकि नेटवर्क को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए डेटा साइंस, एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का प्रयोग कर सकें. इस भागीदारी से आईआईटी-दिल्ली को इन क्षेत्रों में शोध करने के लिए नोकिया की प्रौद्योगिकी नेतृत्व और संचार नेटवर्किं ग में विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा.
नोकिया के उपाध्यक्ष (वैश्विक सेवा वितरण) अमित धींगरा ने एक बयान में कहा, "नई प्रौद्योगिकीयों को नई सोच की जरूरत होती है और आईआईटी-दिल्ली के शोधार्थियों के साथ काम कर के जो संभव है, उसकी सीमाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. यह साझेदारी हमें भविष्य के लिए तैयार करेगा, जिसके लिए विश्लेषण संबंधी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जरूरी है."
कंपनी ने कहा, नेटवर्क लगातार जटिल होते जा रहे हैं और डेटा का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है, नेटवर्क प्रदर्शन को बढ़ावा देने सेवाओं को रियल-टाइम बनाने के लिए दक्षता और गुणवत्ता संबंधी चुनौतियों का समाधान जरूरी है.
इस भागीदारी के तहत, आईआईटी दिल्ली के अपलाइड मैथेमेटिक्स, सांख्यिकीय और कंप्यूटर विज्ञान क्षेत्र के शोधार्थियों को नोकिया के साथ भारत में काम करने का अवसर मिलेगा और वे एआई अलोगरिथम और मशीन लर्निग, डीप लर्निग और प्रीडिक्टिव एनालिटिक्स पर आधारित सॉफ्टवेयर माड्यूल विकसित कर सकेंगे.
आईआईटी-दिल्ली के डीन (आर एंड डी) बी. आर. मेहता ने कहा, "प्रमुख प्रौद्योगिकी फर्म नोकिया के साथ काम करने से हमें उन्नत प्रौद्योगिकियों में नई क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी. इस भागीदारी से हमारे छात्रों को सैद्धांतिक विषयों के व्यावहारिक उपयोग का मौका मिलेगा."