ब्लू व्हेल गेम ने एक और किशोरी को अपना शिकार बनाया है, हालाँकि उसे बचा लिया गया है और उसका इलाज जोधपुर के एक अस्पताल में चल रहा है.
इस बार ब्लू व्हेल गेम ने एक 10वीं कक्षा की छात्रा को अपना शिकार बनाया. 10वीं कक्षा की छात्रा ने चाकू से अपने हाथ पर ब्लू व्हेल की छवि बनाई जो कि गेम की 50 चुनौतियों में से एक थी.
दूसरी बार लड्किन ने पानी में छलांग लगा दी. लड़की को पानी से बाहर निकालने वाले ठेला चालक ओम प्रकाश ने कहा, "मैंने देखा कि एक लड़की स्कूटी से झील के चारों ओर चक्कर लगा रही है. रात 11 बजे यह देखकर मुझे शक हुआ. मैंने उसका पीछा किया और उसने अचानक झील में छलांग लगा दी. मैं भी तुरंत झील में कूद गया."
जब प्रकाश ने उसे पूछा कि वो क्यों अपनी जिंदगी खत्म करना चाहती है तो उसने कहा कि अगर वह 'टास्क' को पूरा करने में नाकामयाब रही तो गेम के प्रंबधक उसकी मां की हत्या कर देंगे.
ब्लू व्हेल गेम ने किशोरों को अपना निशाना बनाया हुआ है और उन पर कई खतरनाक गतिविधियां करने का दबाव बनाया जा रहा है. आखिर में उन्हें खुदकुशी करने के लिए बाध्य किया जाता है.