New UPI Rule: डिजिटल पेमेंट्स का खेल बदलने वाला है. नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI 1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के लिए नए नियम लागू कर रही है. यह बदलाव आपकी रोज़मर्रा की पेमेंट्स को और सुरक्षित और आसान बनाने के लिए हैं. तो क्या है नया? चलिए इसे डिटेल में समझते हैं.
NPCI ने बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) जैसे PhonePe, GPay और Paytm को हर हफ्ते मोबाइल नंबर रिकॉर्ड्स अपडेट करने का ऑर्डर दिया है. ऐसा इसलिए ताकि पुराने या रद्द हुए नंबरों की वजह से ट्रांजैक्शन में गड़बड़ी न हो. अगर आपका नंबर लंबे वक्त से इनएक्टिव है तो आपका UPI ID ब्लॉक हो सकता है. ये नियम 31 मार्च 2025 तक लागू करना ज़रूरी है.
अब UPI नंबर को बैंक अकाउंट से जोड़ने (सीडिंग) या बदलने (पोर्टिंग) के लिए आपकी क्लियर इजाजजत चाहिए. NPCI ने कहा है कि ट्रांजैक्शन के दौरान या पहले कंसेंट नहीं मांगा जा सकता. डिफॉल्ट ऑप्शन “opt-out” होगा, यानी आपको खुद “opt-in” करना होगा. इससे आपकी प्राइवेसी और डेटा सेफ्टी बढ़ेगी.
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आपको बता दें कि हाल ही में भारत भर में UPI सर्विसेज डाउन होने की खबरें आई थीं. जिसकी वजह से पेमेंट्स अटक गए, ऐप्स क्रैश हुए, और यूजर्स परेशान रहे. अगर आपका UPI पेमेंट अटक जाए आ आप कुछ तरीकों को अपना सकते हैं. सबसे पहले ऐप को रिफ्रेश करें. फिर बैंक या PSP के कस्टमर केयर से संपर्क करें. NPCI ने अभी तक इसकी वजह साफ नहीं की, लेकिन नए नियमों से ऐसी दिक्कतें कम होने की उम्मीद है.
NPCI के सिस्टम में देरी होने पर PSP ऐप्स को लोकल लेवल पर UPI नंबर रिजॉल्व करने की इजाजजत होगी. लेकिन हर महीने इसकी रिपोर्ट NPCI को देनी होगी. यह कदम सिस्टम को तेज और भरोसेमंद बनाएगा. ट्रांसपेरेंसी के लिए यह रिपोर्टिंग 1 अप्रैल 2025 से शुरू होगी.
यह नियम सिक्योरिटी को मज़बूत करने और फ्रॉड रोकने के लिए हैं. NPCI चाहती है कि UPI यूजर्स का भरोसा बना रहे. भारत में डिजिटल पेमेंट्स की ग्रोथ को देखते हुए ये जजरूरी भी है. Google Pay और Paytm जैसे प्लेयर्स को भी अपने सिस्टम अपडेट करने होंगे ताकि वो इन नियमों के साथ तालमेल बिठा सकें.
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