एक नया नोटिफिकेशन को वोलंटरी आधार आधारित डिजिटल वेरिफिकेशन में सबसे बड़ी तीन टेलीकॉम कंपनियों की बड़े पैमाने पर मदद करने वाला है, इन्हें रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, और वोडाफ़ोन आईडिया शामिल हैं, सहायक होगा। इसके अलावा कुछ जानकारों का मानना है कि इसके माध्यम से यूजर अक्युजीशन में कम लागत लगेगी। अगर हम इन कंपनियों की मानें तो आपको बता देते हैं ककी आधार एक फुल प्रूफ ऑथेंटिकेशन मैकेनिज्म है, अगर हम इसकी तुलना QR कोड से करते हैं तो।
हाल ही में Aadhaar के नए नियमों की सिफारिश की गयी थी जिसपर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी मंजूरी दे दी है। आधार से जुड़े कुछ नियमों को बदलकर नए नियम लाये जाने की तैयारी की जा रही है। आपको बता दें कि ये नियम सरकार अध्यादेश के जरिए लाये गए थे। नए नियम के मुताबिक अब मोबाइल सिम कार्ड लेने और बैंक खाता खोलने के लिए पहचान प्रमाण के तौर पर आधार के स्वैच्छिक उपयोग की अनुमति मिल गई है।
इसके लिए एक अध्यादेश जारी किया गया था। इससे संबंधित विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया जिसकी वजह से सरकार को यह अध्यादेश लाना पड़ा। पिछले सप्ताह ही मंत्रिमंडल ने आधारके साथ ही दो अन्य विधेयकों में प्रस्तावित बदलावों को अमल में लाने के लिये अध्यादेश लाने की मंजूरी दे दी थी। युसेसर के लिए संशोधन में आधार के इस्तेमाल और निजता से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए कड़े दंड का प्रावधान भी रखा गया है। इस तरह अब कोई भी सर्विस प्रोवाइडर आपके आधार की डिटेल्स को अपने पास नहीं रख सकता है।
अध्यादेश के जरिये आधार कानून में यह बदलाव भी किया गया है कि कोई भी बच्चा 18 साल का हो जाने के बाद आधार कार्यक्रम से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकता है। अध्यादेश में यह भी सुनिश्चित हो गया है कि बैंक खाता खोलना हो या मोबाइल फोन सिम कार्ड लेना हो, उपभोगता को आधार डिटेल्स देने पर ज़ोर नहीं दिया जा सकता है। इसमें प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले निकायों पर एक करोड़ रुपए तक का आर्थिक जुर्माना तथा अनुपालन नहीं करना जारी रखने की स्थिति में प्रति दिन 10 लाख रुपए के अतिरिक्त जुर्माने का प्रावधान है।
आधार के अवैध इस्तेमाल की स्थिति में 3 साल तक की कैद और 10 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया है। इसके साथ ही अवैध इस्तेमाल करने वाला निकाय कोई कंपनी हुई तो इसके लिए जुर्माना एक लाख रुपए तक का रखा गया है। वहीँ आधार कानून की धारा 57 को हटा दिया गया है जो निजी कंपनियों, इकाइयों द्वारा आधार के इस्तेमाल से जुड़ी हुई थी।
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