National Broadband Mission (राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन, एनबीएम) की घोषणा की गई है, मिशन यह सुनिश्चित करता है कि आने वाले वर्षों में सभी ग्रामीण इलाकों यानी गांवों को हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिलेगी। संचार, कानून एवं न्याय के अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन का शुभारंभ किया।
एक रिलीज़ में कहा गया है कि NBM की दृष्टि डिजिटल संचार अवसंरचना के विकास को तेजी से ट्रैक करने, डिजिटल विभाजन को पाटने, सभी के लिए ब्रॉडबैंड की सस्ती और सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने और डिजिटल सशक्तीकरण और समावेशन की सुविधा प्रदान करने के लिए है। एनबीएम यह सुनिश्चित करेगा कि 2022 के अंत तक सभी गांवों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिले।
यह ध्यान देने योग्य है कि राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति (एनडीसीपी) नई घोषित राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) से अलग है। मिशन के कुछ उद्देश्य इस प्रकार हैं: 2022 तक सभी गांवों तक ब्रॉडबैंड पहुंच प्रदान करना, देश भर में और विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए सार्वभौमिक और समान पहुंच की सुविधा प्रदान करना, और ऑप्टिकल फाइबर केबल के 30 लाख रूट किमी की तार को बिछाने, 2024 तक टॉवर घनत्व में 0.42 से 1.0 टॉवर प्रति हजार जनसंख्या की वृद्धि करना आदि आता है।
उपर्युक्त तीन मिशनों के अलावा, नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन का उद्देश्य मोबाइल और इंटरनेट के लिए सेवाओं की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार लाना है और यह राइट टू वे (RoW) के लिए नवीन कार्यान्वयन मॉडल विकसित करने और राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के साथ काम करने में भी मदद करता है। ओएफसी बिछाने के लिए आवश्यक रॉ मटेरियल के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे के विस्तार से संबंधित नीतियां आदि भी इसमें ही समाहित हैं।
इसके अलावा, NBM के पास ब्रॉडबैंड रेडीनेस इंडेक्स (BRI) भी होगा जो राज्य / केंद्रशासित प्रदेश के भीतर संचार अवसंरचना और अनुकूल नीति पारिस्थितिकी तंत्र की उपलब्धता को मापेगा। सरकार देश भर में ऑप्टिकल फाइबर केबल और टावर्स सहित डिजिटल संचार नेटवर्क और बुनियादी ढांचे का एक डिजिटल फाइबर मैप भी बनाएगी।