नासा की नई धड़कने पहचाने वाली यह धडकनों को महसूस करने वाली तकनीक की सहायता से नेपाल में 25 अप्रैल को आये भयावह भूकंप में फंसे लोगों को निकालने में मदद मिलेगी. इस नई तकनीक को FINDER (फाइंडिंग इंडीविसुअल्स फॉर डिजास्टर एंड इमरजेंसी रेस्पोंस) नाम दिया गया है. जो साफ़ तौर पर माइक्रोवेव तकनीक का इस्तेमाल करके फंसे हुए लोगों को उनकी धड़कने पहचान सकती है. इस तकनीक को नासा के होम लैंड सिक्यूरिटी साइंस और टेक्नोलॉजी डायरेक्टरेट डिपार्टमेंट (DHS) ने खास तौर पर नेपाल में फंसे लोगों को बचाने के लिए बनाया है.
DHS ने कहा कि, यह नई तकनीक से हम आसानी से धड़कन और जीवित वस्तुओं की धडकनों में अंतर मालूम है या यह अंतर पता कर सकती है. इसके साथ ही इसका दूसरा लाभ यह है कि यह उन लोगों की धडकनों को भी आसानी से पहचान सकती है जो कहीं फंसे हों और बाकी चीजें उन तक पहुँचने में असमर्थ हों, इसके कारण ही नेपाल में आये भूकंप में फंसे लोगों को इस तकनीक के माध्यम से बचाया जा सकता है. नासा ने कहा कि, इस डिवाइस के माध्यम से 100 फूट की दूरी से भी इंसान की पहचान की जा सकती है. चाहे वह व्यक्ति सतह पर हो धरती के 30 फूट नीचे यह उसे आसानी से पहचान सकती है. इस तकनीक के माध्यम से जहां वह लोग दबे हैं उससे 5 फूट की दूरी से यह बता सकती है कि वह कहाँ पर दबा है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से, कहा जा सकता है इस तकनीक का कमर्शियल इस्तेमाल भी किया जाएगा और यह जल्द ही बाज़ारों में बिकने के लिए भी उपलब्ध हो जायेगी. इन्हें दुनिया भर की केवल कुछ संस्थाएं और एजेंसियां ही इस्तेमाल कर सकेंगी लोगों की ऐसी परिस्थियों से बाहर निकलने के लिए.
DHS के साइंस और टेक्नोलॉजी के सचिव डॉ. रेजिनाल्ड ब्रदर्स ने कहा कि, “किसी भी नई तकनीक कितनी कारगर है उसका पता केवल ऐसी परिस्थियों से ही लगाया जा सकता है. जब हम रियल जीवन पर इसका परिक्षण कर लेते हैं तो हमें पता चल जाता है कि यह तकनीक कितनी कारगर है. हालांकि कोई नहीं चाहता कि वह इस तरह की आपदा में फंस जाए, पर इस तरह के टूल्स तभी काम करते हैं जब आप इस तरह की किसी परेशानी में होते हैं. मुझे ख़ुशी है कि हम इन लोगों की सहायता के लिए अपना यह टूल उपलब्ध करा रहे हैं, अरु हमें इस तरह का कोई टूल बनाया है इसे सोचकर मुझे ज्यादा ख़ुशी होती है, और साथ ही इस बात पर भी कि अब फंसे लोगों को बचा लिया जाएगा.” नासा के चीफ टेक्नोलॉजिस्ट डॉ. डेविड मिलर ने कहा कि, “नासा की तकनीकों ने कई बड़े काम किये हैं, जैसे: शक्तिशाली अन्वेषण, धरती पर लोगों की रक्षा के लिए बड़े काम करना और हमारे अंतरिक्ष यात्रियों की जान बचाना आदि.” “FINDER यह साफ कर देती है कि कैसे नासा अन्तरिक्ष धमाकों से लोगों को बचाती है.”
नेपाल में आये भूकंप ग्रस्त इलाके को इस तकनीक को इस्तेमाल करके लोगों को बचाया जा सकता है, कहा जा सकता है कि यह इस तकनीक के लिए एक निरीक्षण क्षेत्र बन गया है. स्काईकैच नामक एक कंपनी ने नेपाल में अपने ड्रोन्स को लोगों की तलाश में लगा रहा है. इस ड्रोन के माध्यम से नेपाल के भूकंप ग्रस्त इलाके की हाई रेजोल्यूशन की तस्वीर मिल रही है. और इन तस्वीरों के माध्यम से वहां के हालत का सही पता चल पा रहा है. और यह भी कि भूकंप से कितना इलाका और लोग प्रभावित हुए हैं. एक और कंपनी जिसका नाम डिजिटल ग्लोब है ने एक सैटेलाइट सोर्स को खोल दिया है जिसके माध्यम से आप नेपाल ले बारे में सभी जानकारी ले सकते हैं. यहाँ पढ़िए नेपाल भूकंप के बारे में, आप क्या दान कर सकते हैं.
सोर्स: जेपीएल.नासा