अमेरिका के हवाई में कृत्रिम रूप से तैयार किए मंगल ग्रह के वातावरण में रहकर मानव मिशन के लिए तैयार हो रहे NASA के छह वैज्ञानिक रविवार को वहां से वापस लौट आए हैं.
अमेरिका के हवाई में कृत्रिम रूप से तैयार किए मंगल ग्रह के वातावरण में रहकर मानव मिशन के लिए तैयार हो रहे NASA के छह वैज्ञानिक रविवार को वहां से वापस लौट आए हैं. NASA के छह वैज्ञानिक विशालकाय ज्वालामुखी मौनालोआ के पास एक बड़े मैदानी इलाके में जनवरी से रहकर मानव अंतरिक्ष मिशनों के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों के मनोविज्ञान, आवश्यकताओं और उनके समक्ष आने वाली समस्याओं से निपटने का प्रशिक्षण ले रहे हैं. इस दल में चार पुरुष व दो महिलाएं शामिल हैं.
कठिन वातावरण और मानव मिशन पर लंबे समय तक रहने के दौरान अंतरिक्ष यात्री शारीरिक, मानसिक और सबसे अधिक जरूरी मनोवैज्ञानिक तौर पर कैसे प्रतिक्रिया दें, इस पर बेहतर समझ हासिल करने के लिए वह आठ महीने तक इसी तरह के वातावरण में रहेंगे.
'इंक्विसिट्र डॉट कॉम' ने मनोआ स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के नेतृत्व वाली इस परियोजना हवाई स्पेस एक्सप्लोरेशन एनालॉग एंड सिमुलेशन (HI-SEAS) की विशेषज्ञ लौरा लार्क के हवाले से बताया, "लंबे समय की अंतरिक्ष यात्रा बिलकुल संभव है."
उन्होंने कहा, "इसके लिए हमें निश्चित रूप से तकनीकी चुनौतियां दूर करनी होंगी. मिशन के दौरान कई मानवीय समस्याएं आ सकती हैं जिनका पता लगाया जाना है, और यही HI-SEAS कर रहा है. लेकिन मुझे लगता है कि उन चुनौतियों पर काबू पाने के लिए केवल एक प्रयास की जरूरत है. हम इसमें बिल्कुल सक्षम हैं."
ऐसी उम्मीद की जा रही मंगल पर 2030 तक मानव आबादी बसने लगेगी.