डेटिंग ऐप पर पार्टनर खोज रही थी महिला, हो गया बड़ा नुकसान, गंवा दिए सवा करोड़ रुपये

Updated on 10-Oct-2024

Online Scam की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. टेक्नोलॉजी बढ़ने के साथ नए-नए तरीके से स्कैमर्स लोगों को ऑनलाइन स्कैम का शिकार बना रहे हैं. अब नई खबर के अनुसार, दक्षिण मुंबई की एक 65 वर्षीय महिला ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गई.

कैसे शुरू हुआ स्कैम?

महिला की इस दिल दहला देने वाली कहानी से समझने की जरूरत है किसी भी अनजान पर भरोसा करके फाइनेंशियल लेनदेन ना करें. इस ऑनलाइन फ्रॉड से उन्हें 1.3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. धोखाधड़ी की शुरुआत अप्रैल 2023 में शुरू हुई थी.

रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित महिला की मुलाकात “इंटरनेशनल कपिड” नाम की एक डेटिंग ऐप पर पॉल रदरफोर्ड नाम के एक ठग से हुई. उसने खुद को फिलीपींस में काम करने वाला एक अमेरिकी सिविल इंजीनियर बताया था.
रदरफोर्ड ने जल्दी ही महिला का विश्वास जीत लिया.

कुछ समय बाद उसने अपने काम करने वाली जगह पर एक दुर्घटना की कहानी महिला को बताई. उसने यह दावा किया कि उसे कानूनी परेशानियों को दूर करने और अपने निर्वासन को रोकने के लिए पैसे की आवश्यकता है. उस पर भरोसा करते हुए, महिला ने बिटकॉइन के रूप में पैसे भेजना शुरू कर दिया.

जैसे-जैसे पैसे मिलते गए, रदरफोर्ड ने वादा किया कि उसने उसे धन्यवाद देने के लिए 2 मिलियन डॉलर का एक पार्सल भेजा है. इस दावे ने ठगी के अगले चरण की नींव रखी. जून 2023 में पीड़िता को दिल्ली हवाई अड्डे पर एक सीमा शुल्क अधिकारी का कॉल आया. उसने अपना नाम प्रिया शर्मा बताया. ये कॉल और डिटेल्स भी फेक थी.

प्रिया शर्मा ने उसे बताया कि उनके पार्सल को सीमा शुल्क अधिकारी ने जब्त कर लिया है. इसे जारी करने के लिए भुगतान की मांग की गई. धोखाधड़ी यहीं नहीं रुकी. ठगों ने अपने ऑपरेशन का विस्तार करते हुए और अधिक फर्जी पहचानें बनाईं.

कई चरण में फर्जीवाड़ा

जनवरी 2024 में नई दिल्ली में बैंक ऑफ अमेरिका के कर्मचारी के रूप में खुद को पेश करने वाले एक व्यक्ति ने उससे संपर्क किया. उसने झूठा दावा करते हुए कहा कि 2 मिलियन डॉलर बैंक में ट्रांसफर कर दिए गए हैं. उसने महिला को उसके नाम से छपा एक फर्जी एटीएम कार्ड भी भेजा.

इस ठगी को और सच बनाने के लिए पीड़िता को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अधिकारियों के तौर पर फर्जी कॉल भी किए गए. उन्होंने उसे फर्जी लेटरहेड के साथ एक पत्र भेजा, जिसमें वादा किया गया था कि डॉलर को भारतीय रुपये में बदल दिया जाएगा, और वह जल्द ही अपने बैंक खाते में 17 करोड़ रुपये देखेगी.

मई 2024 में ठगों ने फिर से उससे संपर्क किया, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के कर्मचारी होने का दावा किया. उन्होंने उसे आश्वस्त किया कि उसने जो भी पैसे दिए थे, वह वापस कर दिया जाएगा. लेकिन रिफंड को जारी करने के लिए दोबारा पैसे की मांग की गई.

पुलिस में शिकायत के बाद भी लगातार आ रही कॉल्स

जून 2024 तक पीड़िता ने इन ठगों को कुल 1.3 करोड़ रुपये दे दिए थे. तब उसने पुलिस शिकायत दर्ज कराई और बताया है कि उसे अभी भी अधिक पैसे मांगते हुए कॉल आ रहे हैं, जो इस बात का संकेत है कि ठगी अभी खत्म नहीं हुई है.

Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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