मुंबई के एक रेलवे अधिकारी ने साइबर धोखाधड़ी में 9 लाख रुपए गंवा दिए। स्कैमर्स CBI अधिकारी होने का दावा कर रहे थे, जिन्होंने पीड़ित पर यह आरोप लगाया कि वह काले धन को वैध बनाने की गतिविधियों में शामिल है और फिर उसे वीडियो कॉल के जरिए फ़र्ज़ी जज के सामने पेश किया गया। एक अधिकारी ने बताया, कि यह घटना सोमवार की है जब धोखेबाज़ों द्वारा पीड़ित को 20 घंटों तक वीडियो कॉल पर रखा गया।
इन बढ़ती हुई धोखाधड़ी के मामलों से निपटने के लिए सरकार कुछ तरीके बताती है जिन्हें अपनाकर लोग खुद को ऑनलाइन घोटालों में फँसने से बचा सकते हैं।
1. अगर आपके पास कोई ऐसी कॉल आती है जिस पर कॉल करने वाला सरकारी अधिकारी होने का दावा करता है और आप पर कोई आरोप लगाता है, तो घबराएं नहीं। इसके बजाए आधिकारिक सरकारी हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
2. कभी कभार घोटालेबाज पीड़ित को लालच देकर फँसाने की कोशिश करते हैं, उन पर विश्वास न करें और उसके दावे को सत्यापित करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
3. कॉल करने वाले द्वारा दी गई संपर्क जानकारी का इस्तेमाल न करें, क्योंकि वह घोटाले का एक हिस्सा हो सकती है।
4. कभी भी फोन पर या ऑनलाइन अपनी निजी जानकारी, जैसे कि बैंक खाते की डिटेल्स, क्रेडिट कार्ड नंबर या पहचान दस्तावेज़ साझा न करें, जब तक कि आप कॉलर की वैधता की पुष्टि न कर लें।
5. कई ऑनलाइन घोटालों में हम देखते हैं कि घोटालेबाज दबाव बनाने की कोशिश करते हैं, जैसे कि कानूनी कार्रवाई या गिरफ़्तारी की धमकी देकर। जबकि सरकारी अधिकारियों का कहना है कि वैध सरकारी एजेंसियां कभी भी तुरंत भुगतान की मांग या धमकाने वाली भाषा का इस्तेमाल नहीं करतीं।
6. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि अगर आपके पास कोई संदिग्ध कॉल आए तो तुरंत सरकारी प्राधिकारी को उसकी जानकारी दें। इससे प्राधिकारी को उस घोटालेबाज को पकड़ने में मदद मिलेगी।
7. कभी कभार QR कोड्स के जरिए भी आपका पूरा बैंक खाता खाली किया जा सकता है, इसलिए ऐसे QR कोड्स से सावधान रहें जो अवास्तविक डील्स या ऑफर्स का वादा करते हों। स्कैमर्स अक्सर पीड़ित द्वारा अपने कोड स्कैन करवाने के लिए ऐसे दाव-पेंचों का इस्तेमाल करते हैं।
8. इसके अलावा आपको लेटेस्ट फिशिंग तकनीकों से जागरूक रहना चाहिए और उन्हें पहचानना आना चाहिए। क्योंकि जागरूकता इन घोटालों के खिलाफ एक प्रमुख बचाव है।