अगर आप सोशल मीडिया की दुनिया पर नजर रखते हैं तो आपको पता होगा कि Meta और इसके CEO Mark Zuckerberg का नाम सुर्खियों में है. फेडरल ट्रेड कमिशन (FTC) ने Meta पर एक बड़ा एंटीट्रस्ट केस चलाया है. जिसमें Instagram और WhatsApp की खरीद को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.
अगर सबकुछ Mark Zuckerberg के हिसाब से नहीं हुआ तो उनके हाथ से दोनों प्लेटफॉर्म (WhatsApp-Instagram) निकल सकते हैं. FTC का दावा है कि Meta ने इन प्लेटफॉर्म्स को खरीदकर सोशल मीडिया मार्केट में गलत तरीके से दबदबा बनाया. लेकिन Zuckerberg का कहना है कि यह सब इनोवेशन और यूजर्स के लिए बेहतर अनुभव देने की कोशिश थी.
FTC का कहना है कि Meta ने 2012 में Instagram को 1 बिलियन डॉलर में खरीदा. फिर 2014 में WhatsApp को 19 बिलियन डॉलर में खरीदकर कॉम्पिटिशन को खत्म करने की रणनीति अपनाई. FTC ने Zuckerberg के पुराने ईमेल्स पेश किए हैं, जिनमें उन्होंने Instagram को एक बढ़ता हुआ खतरा बताया और इसे खरीदने की बात कही थी.
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FTC के वकील Daniel Matheson का कहना है कि Meta ने कॉम्पिटिशन से लड़ने की बजाय अपने राइवल्स को खरीदना आसान समझा. अगर FTC की बात मानी गई, तो Meta को Instagram और WhatsApp बेचने पड़ सकते हैं. इससे कंपनी का ढांचा ही बदल जाएगा.
वहीं, Zuckerberg ने कोर्ट में Meta का बचाव करते हुए कहा कि Instagram और WhatsApp उस वक्त छोटे स्टार्टअप्स थे. Meta ने इन्हें खरीदकर इनमें भारी निवेश किया, जिससे ये आज ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स बने हैं. उनकी लीगल टीम ने FTC के दावों को चुनौती दी और कहा कि Meta को TikTok, Snapchat, YouTube और Apple के iMessage जैसे प्लेटफॉर्म्स से कड़ा कॉम्पिटिशन मिलता है.
उनका तर्क है कि Meta की ऐप्स यूजर्स के लिए फ्री हैं, और इसका मार्केट में दबदबा गैरकानूनी मोनोपॉली नहीं है. यह केस टेक कंपनी मेटा के खिलाफ हाल के सालों का सबसे बड़ा एंटीट्रस्ट चैलेंज है. अगर FTC जीतती है, तो Meta को अपने बिजनेस को तोड़ना पड़ सकता है और भविष्य में टेक कंपनियों की डील्स पर भी असर पड़ेगा.
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