मंगलयान: 15 दिनों के लिए धरती से टूटा संपर्क

मंगलयान: 15 दिनों के लिए धरती से टूटा संपर्क
HIGHLIGHTS

मंगल ग्रह पर परिक्रमा कर रहे भारतीय उपग्रह मंगल यान का धरती से लगभग 15 दिनों के लिए संपर्क टूट जाएगा, ऐसा इसलिए होगा क्योंकि जून महीने के पहले सप्ताह में यह सूर्य की ओट में जा छिपेगा.

भारतीय उपग्रह मंगलयान का संपर्क धरती से लगभग 15 दिनों के लिए बिलकुल टूट जाएगा, इस लिए हमें जो जानकारियाँ इसके माध्यम से मिल रही थी वह 15 दिनों के थम जायेंगी. इसका मूल और मुख्य कारण है सूरज का इसके और धरती के बीच में आ जाना, दरअसल जून के पहले सप्ताह से लेकर मध्य जून यानी 22 जून तक मंगल और पृथ्वी के बीच सूरज आ जाएगा. इसी के कारण यान का धरती से संपर्क बाधित हो जाएगा. हालांकि वैज्ञानिकों के कहा कि इस दौरान भी मंगलयान स्वचालित (ऑटो) मोड में अपना काम जारी रखेगा और खुद ही निर्देशित होगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कुछ वरिष्ठ अधिकारीयों की माने तो ऐसा लगभग पहली दफा हो रहा है जब इतने लम्बे समय के लिए मंगलयान का संपर्क धरती से टूट रहा है. और उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान किसी भी तरह से वहां से किसी भी जानकारी का आदान प्रदान नहीं किया जा सकता है. उन्होंने यह कहा कि ऐसी स्थिति की जांच पहले ही कर ली गई थी इसलिए आसानी से कहा जा सकता है कि मंगलयान से लगभग 15 दिन बाद ही संपर्क किया जा सकता है, उससे पहले यह किसी भी हालत में संभव नहीं है. पर उन्होंने यह भी कहा कि यान ऐसी किसी भी स्थिति से निबटने के लिए पूरी तरह से सक्षम है.

आपको याद होगा कि पिछले साल 24 सितम्बर को हमारे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इतिहास रचते हुए मंगलयान को लाल गृह की कक्षा में सफलता पूर्वक स्थापित किया था, उस समय खबरें बता रही थी इस यान में लगभग 450 करोड़ का खर्च किया गया था जो अब तक का सबसे कम खर्च था किसी भी यान पर हुए खर्चों से अगर इस खर्च की तुलना करें तो. पर जब यह अपने कार्य में सफल रहा है तो इसके ऊपर सबकी नाराज़गी समाप्त हो गई और सबको हमारे वैज्ञानिकों पर काफी गर्व हुआ था. वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि हालाँकि मंगलयान के 6 महीने मार्च में ही पूरे हो चुके हैं लेकिन इंधन बचे होने के कारण इसके कार्यकाल को आगे बढ़ाया गया है. इस यान के मंगल ग्रह में स्थापित होते ही हमारे देश में एक और सफलता हासिल करते हुए अपने आप को मंगल पर जाने वाले चंद देशों में शामिल कर एक बड़ा नाम हासिल किया था, कुछ खबरों के अनुसार कहा जा सकता है कि अब तक के अभियानों से मिले आंकड़ों के आधार पर मंगल पर जल स्रोत, मीथेन तथा खनिज के अपार भंडार होने की संभावना है.  

भारतीय ताराभौतिकी संस्थान के प्रोफेसर रमेश कपूर ने कहा कि, “सूर्य, मंगल एवं पृथ्वी के बीच एक विशेष परिस्थिति बन रही है और तीनों एक सीध में आ रहे हैं. इस स्थिति में मंगल, सूर्य की एक ओर होंगे जबकि पृथ्वी दूसरी ओर होगी. पृथ्वी से देखने पर मंगल ग्रह सूर्य की ओट में होगा और उसकी कक्षा में परिक्रमा कर रहा मंगलयान भी धरती से दिखना बंद हो जाएगा. जब मंगल सूर्य की ओट में छिप जाएगा तब मंगलयान से पृथ्वी की ओर आती हुई रेडियो तरंगें बिखर जाएंगी और धरती से उसका संपर्क टूट जाएगा. आगामी 14 जून को मंगल सूर्य के ठीक पीछे पहुंच जाएगा. परंतु इस तिथि से कुछ दिन पूर्व और कुछ दिन बाद तक मंगलयान से संपर्क नहीं रहेगा.”

तो कहा जा सकता है कि इस स्थिति के समाप्त होने के बाद भी कुछ दिन तक मंगलयान से संपर्क नहीं किया जा सकता है. इसके लिए हमारे वैज्ञानिकों को और इंतज़ार करना होगा. जब तक यह पूरी तरह से सूरज की ओट से नहीं निकल आता तब तक इससे किसी भी तरह से संपर्क नहीं किया जा सकता है.

Ashvani Kumar

Ashvani Kumar

Ashvani Kumar is Tech, Politics, and Sports lover. View Full Profile

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