Android यूजर्स को शिकार बना रहे Malware Scam, भारत में तेजी से बढ़ रहा आंकड़ा

Android यूजर्स को शिकार बना रहे Malware Scam, भारत में तेजी से बढ़ रहा आंकड़ा
HIGHLIGHTS

एक खतरनाक स्कैम मालवेयर कैम्पेन भारत में Android ग्राहकों को अपना शिकार बना रही है।

अगर हम McAfree की Mobile Reaseach Team की मानें तो यह Malware तीन स्टेज में ग्राहकों को नुकसान पहुंचा रहा है।

इस Malware के द्वारा लगभग 3700 डिवाइस को प्रभावित किया है। इसके अलावा इसके माध्यम से लगभग 800 Malicious Applications को भी बनाया गया है।

एक खतरनाक स्कैम मालवेयर कैम्पेन भारत में Android ग्राहकों को अपना शिकार बना रही है। यह जानकारी साइबरसिक्युरिटी से जुड़े शोधकर्ता दे रहे हैं। अगर हम McAfree की Mobile Reaseach Team की मानें तो यह Malware तीन स्टेज में ग्राहकों को नुकसान पहुंचा रहा है। इस Malware के द्वारा लगभग 3700 डिवाइस को प्रभावित किया है। इसके अलावा इसके माध्यम से लगभग 800 Malicious Applications को भी बनाया गया है। इसके अलावा यह रिपोर्ट कहती है कि भारत में बड़े पैमाने पअर एंड्रॉयड ग्राहकों पर साइबर हमले बड़े पैमाने पर बढ़ते जा रहे हैं।

अगर शोधकर्ताओं की ओर से सामने आए डेटा की बात करें तो इसमें March 2023 से July 2023 के बीच के पहले स्टेज का डेटा है। इस दौरान हर महीने कुछ ऐप्स बनाए जा रहे थे। इसके बाद इसका दूसरा चरण आया जो August 2023 से October 2023 के बीच का था, इसमें एक ही महीने में बहुत से ऐप्स को निर्मित किया जाने लगा था। हालांकि अब इसका तीसरा और सबसे Active Stage चल रहा है जो September 2023 से अभी तक चल रहा है। इस दौरान महीने में सैंकड़ों ऐप्स को निर्मित किया जाने लगा है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, “Marware Developers के द्वारा अलग अलग काम के लिए बहुत से फिशिंग पेजेस बनाए जा रहे हैं, जैसे इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट, अस्पताल की अपॉइन्ट्मेंट और कोरियर पैकेज बुकिंग आदि।”


Developers की ओर से अलग अलग ऐप्स का इस्तेमाल अलग अलग फिशिंग पेजेस को लोड करने के लिए किया जा रहा है, जो आमतौर पर स्कैमर्स को बेचे जा रहे हैं। अगर हम McAfee के डेटा पर नजर डालते हैं तो लगभग 100 यूनीक फिशिंग यूआरएल और लगभग 100 से ज्यादा यूनीक C2 URLs को इन malicious applications में निर्मित किए गए हैं। इसका मतलब है कि हर एक स्कैमर बिना किसी कि सहायता के अपने आप ही किसी भी स्कैम को अंजाम दे सकता है।

इसके अलावा यह रिपोर्ट आगे कहती है कि स्कैमर आम लोगों पअर अटैक करने के लिए Malware का इस्तेमाल करते हैं। ये कैसे भी करके आम लोगों से उन्हें शिकार बनाने के लिए फोन करते हैं, मैसेज करते हैं, ईमेल करते हैं या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आदि का सहारा लेकर एक कहानी में आम जनता को फँसाकर उन्हें लूटने का काम करते हैं। कुछ मामलों में लोगों से किसी ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है, और अपनी निजी जानकारी उसमें ऐड करने के लिए कहा जाता है। इसके अलावा इस समय तेजी से QR Code Scam भी बढ़त ही जा रहा है। आइए जानते है कि आखिर आप कैसे इससे अपना बचाव कर सकते हैं।

अपनी सुरक्षा कैसे करें?

क्यूआर कोड घोटालों से बचने के लिए, व्यक्तियों को कोड स्कैन करते समय सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। क्यूआर कोड पैसे भेजने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, प्राप्त करने के लिए नहीं। अगर कोई दावा करता है कि क्यूआर कोड को स्कैन करने से पैसे मिलेंगे तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।


सार्वजनिक स्थानों पर, सभी लोगों को यह ध्यान देना चाहिए कि जहां वैसे पैसे भेजने के लिए QR Code Scan कर रहे हैं, वह उसी व्यक्ति का है जिसे आप पैसे भेजना चाहते हैं, आपको बार बार यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि दुकानों और कहीं पर भी कई QR Code हो सकते हैं, लेकिन इसमें से कौन सा नकली है आपको तभी पता चलने वाला है, जब आप दुकानदार या विक्रेता से इसकी पुष्टि करते हैं।

ऑनलाइन मार्केटप्लेस लेनदेन में संलग्न होने पर, वैध खरीदारी न करने तक क्यूआर कोड को स्कैन करने से बचने की सिफारिश की जाती है। हालांकि आपको यह भी सलाह दी जाती है कि आपको छोटे मोटे लेनदेन कैश में ही करने चाहिए। यदि कोई क्यूआर कोड घोटाले का शिकार हो जाता है, तो इंसटेंट कार्रवाई आवश्यक है – घटना की रिपोर्ट करने के लिए बैंक से संपर्क करना जरूरी है। आप इन कदमों को अपनाकर इस तरह के ऑनलाइन घोटाले से बच सकते हैं।

Ashwani Kumar

Ashwani Kumar

अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी में पिछले 7 सालों से काम कर रहे हैं! वर्तमान में अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी के साथ सहायक-संपादक के तौर पर काम कर रहे हैं। View Full Profile

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