भारत का अपना खुद का रोपोसो ऐप वीडियो-शेयरिंग और नेटवर्किंग प्लेटफ़ॉर्म स्पेस में खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दे रहा है
इस प्लेटफार्म के 50 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं और एक महीने में 5 बिलियन से अधिक वीडियोस देखे जाते हैं
यह अंग्रेजी सहित अन्य 10 भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है
भारत का अपना खुद का रोपोसो ऐप वीडियो-शेयरिंग और नेटवर्किंग प्लेटफ़ॉर्म स्पेस में खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दे रहा है। यह विकास ऐसे समय में हुआ है जब इस क्षेत्र के कई खिलाड़ी कई विवादों के मद्देनजर गंभीर रूप से आलोचना झेल रहे हैं।
ग्लांस के स्वामित्व वाला यह प्लेटफार्म भारत में ही निर्मित है और स्वदेशी होने पर रोपोसो को गर्व है। इस प्लेटफार्म के 50 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं और एक महीने में 5 बिलियन से अधिक वीडियोस देखे जाते हैं। यह अंग्रेजी सहित अन्य 10 भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है, हिंदी, पंजाबी, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, बंगाली, मलयालम, अरबी, असमिया, ओडिया, उर्दू । रोपोसो तीन आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र – मयंक भंगडिया, अविनाश सक्सेना और कौशल शुभंक के दिमाग की उपज है।
सामाजिक श्रेणी में गूगल प्ले स्टोर Google Play Store पर ऐप को आधिकारिक Google Play Store पर 4.4 रेटिंग के साथ नंबर 1 पर ट्रेंड किया गया है। यह ऐप उपयोगकर्ताओं को संक्षिप्त रूप में वीडियो सामग्री का उपयोग करके खुद को व्यक्त करने और दूसरों से जुड़ने में सक्षम बनाता है। रोपोसो के पावरफुल वीडियो क्रिएशन और एडिटिंग टूल्स उपयोगकर्ताओं को अपने जीवन के रोचक पलों को दूसरों से साझा करने, अपनी छिपी प्रतिभा दिखाने और अपनी मूल भाषा में प्रासंगिक मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करने की अनुमति देते हैं।
रोपोसो के सह-संस्थापक और ग्लांस के वीपी मयंक भंगडिया कहते हैं, “रोपोसो, भारतीय दिमाग की उपज है। हमारी टीम में ऐसे सदस्य शामिल हैं, जो भारत के विभिन्न हिस्सों से आते हैं और हमारे समाज को एक बनावट देने वाली विविधता को समझते हैं। रोपोसो चैनल विभिन्न प्रकार के थीम बनाते हैं, जिनके चारों ओर विभिन्न कम्युनिटी बनती है और इन समुदायों का उपयोग करते हैं। ये समुदाय खुद को व्यक्त करने के लिए दिलचस्प और अनूठे तरीकों से एक ही रोपोसो कैमरा टूल का उपयोग करते हैं।"