उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सूबे की सड़कों की मरम्मत, देखरेख और समय रहते उनकी स्थिति परखने के लिए अब नई तकनीक का सहारा लेने का फैसला किया है। विभाग के अधिकारियों का दावा है कि कई नई तकनीकों से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि विभाग जल्द ही 'लीडार' तकनीक का प्रयोग करते दिखाई देगा।
लोक निर्माण विभाग के विशेष सचिव डॉ. राजशेखर ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में विभाग में प्रयोग की जा रही नई तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब सड़कों को हर स्तर पर जांचा-परखा जाएगा। विभाग में ऐसा पहली बार हो रहा है।
राजशेखर ने कहा, "अब विभाग की सड़कों की हर स्तर पर जांच कराई जाएगी। हर काम पूरा होने के बाद उसका स्थलीय निरीक्षण कराया जा रहा है और यदि इसमें लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"
उन्होंने कहा कि विभाग ने तय किया है कि सड़कों की जांच और स्थलीय निरीक्षण में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से जुड़े लोगों को शामिल किया जाएगा। जांच के बाद वे अपनी रिपोर्ट देंगे और इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
राजशेखर ने कहा, "पिछले दिनों लखनऊ में निवेशक सम्मेलन हुआ था, जिसमें 14 राज्यों के मंत्री, 10 आईआईटी विशेषज्ञ व कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। इसमें मुख्य तौर पर 15 बिंदुओं पर फोकस करने की बात तय हुई थी। इसमें कुछ नई तकनीकों के बारे में भी सहमति बनी थी। उन्हीं तकनीकों पर एक प्रस्ताव बनाकर जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।"
उन्होंने बताया, "विशेष तौर से हम दो तकनीकों पर फिलहाल अपना फोकस कर रहे हैं। लीडार तकनीक और सीमेंट व डॉबर मिक्स प्रौद्योगिकी। इन दो तकनीकों पर प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।"
लीडार तकनीक के बारे में राजशेखर ने बताया, "इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह सड़कों की जांच में मदद करेगा। वह सड़कों की गुणवत्ता परखकर यह बता पाएगा कि कहां सड़क खराब होने वाली है और कहां मरम्मत की जरूरत है। इस तकनीक का प्रयोग कर समय से पहले ही खराब होने वाली सड़कों के बारे में पता लगाया जा सकेगा, जिससे समय रहते उसकी मरम्मत कराई जा सकेगी।"
राजशेखर ने बताया, "उप्र की सड़कों को लेकर केंद सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये देने का वादा किया था। इसमें 3000 करोड़ रुपये की पहली किस्त की मंजूरी मिल चुकी है। पहले चरण में इस धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इसके बाद हमें केंद्र से 3200 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त भी मिलेगी।"
उन्होंने बताया, "तीसरी किस्त 3500 करोड़ रुपये की होगी, जो तीसरे और अंतिम चरण में हमें प्राप्त होगी। जिन सड़कों पर यह धनाराशि लगाई जाएगी, उसका विभाग की ओर से थर्ड पार्टी क्वालिटी चेक भी कराया जाएगा और सड़कों की हर स्टेज पर जांच कराई जाएगी।"
राज्य सरकार के गड्ढामुक्त अभियान के बारे में पूछे जाने पर राजशेखर ने कहा, "सरकार बनने के बाद ही सड़कों को गड्ढामुक्त करने का काम तेजी से कराया गया और इसमें लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई। अभी तक लगभग 25 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।"