Jio के इस कदम ने जीता यूजर्स का दिल, देखें अब क्या नया लाई मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो
Jio बनी पहली टेलीकॉम कंपनी जिसने अपना ये यूनीक फीचर
Jio यूजर्स अब अगर भूल भी गए रिचार्ज की लास्ट डेट तो चिंता करने की जरूरत नहीं
Jio के इस अनोखे फीचर ने जीता यूजर्स का दिल, देखें क्या नया लाई मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो
Jio ग्राहक अब अपने रिचार्ज (Recharge) की तारीख या वैलिडिटी (Validity) की लास्ट डेट को या रखे बिना ही अपने रिचार्ज (Recharge) प्लांस (Plans) के लिए पेमेंट कर सक्ने में सक्षम होंगे। असल में Jio की ओर से एक नया फीचर सामने आया है, जो आपके इस काम को अपने आप ही ऑटोमैटिक तरीके से कर देने वाला है, यानि आप अगर अपने प्लान की खत्म होने के डेट को किसी भी कारण से भूल गए हैं तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, आपका आपका रिचार्ज (Recharge) निर्धारित तिथि पर अपने आप ही हो जाने वाला है, यानि आपका प्लान अपने आप ही ऑटोमैटिक तौर पर रिनू हो जाने वाला है।
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नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (National Payments Corporation of India) (एनपीसीआई) ने गुरुवार को कहा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface) (यूपीआई (UPI)) ऑटोपे (Autopay) अब मायजियो (Jio) ऐप पर लाइव हो गया है। पिछले साल एनपीसीआई द्वारा लॉन्च किए गए ई-मैंडेट फीचर को अपनाने वाला जियो (Jio) पहला टेलीकॉम ऑपरेटर बन गया है। यह उपयोगकर्ताओं को अपने विभिन्न टैरिफ (Tariff) प्लांस (Plans) के लिए यूपीआई (UPI) ऑटोपे (Autopay) का उपयोग करके माईजियो (Jio) ऐप पर अपने प्लांस (Plans) के लिए एक डेट सेट करने में सक्षम करेगा। यानि आपका रिचार्ज (Recharge) करने का काम भी Jio ने आसान बना दिया है।
आरबीआई के संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, ग्राहकों को 5000 रुपये तक की राशि के रिचार्ज (Recharge) लेनदेन को मान्य करने के लिए यूपीआई (UPI) पिन दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है। उपयोगकर्ता अपनी आवश्यकताओं के अनुसार टैरिफ (Tariff) प्लांस (Plans) के लिए ई-मैंडेट को बनाने, एडिट करने और डिलीट करने में भी सक्षम होंगे।
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1 अक्टूबर, 2021 से, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऑटो-डेबिट लेनदेन के मानकों में संशोधन किया था। जिन उपयोगकर्ताओं ने अपने बीमा प्रीमियम, रेंट, उपयोगिता बिल, या ystematic investment plans (एसआईपी/SIP) के लिए online subscriptions or regular payments सेट किए हैं, उन्हें नई आवश्यकताओं के परिणामस्वरूप अपने भुगतानों को फिर से प्रमाणित करना पड़ सकता है। केंद्रीय बैंक की सिफारिशों के अनुसार, ग्राहकों को अपने डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, यूपीआई (UPI) और prepaid payments instruments (पीपीआई/PPI) के साथ किए गए सभी भुगतानों पर अतिरिक्त कारक प्रमाणीकरण (एएफए) का उपयोग करना चाहिए।
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