इससे भूस्थानिक प्रोद्यौगिकी जिसमें ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (GPS) की मदद से डाटा उत्पन्न करना, भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईसी) और असम में विकास का विस्तार करने के लिए सैटेलाइट रिमोट सेसिंग के संभावनाओं का पता लगाने में मदद मिलेगी.
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) शिक्षाविदों, पर्यावरणविदों और उद्यमियों के लिए एक यहां एक रिसर्च सेंटर की स्थापना करेगी. उन्होंने यह घोषणा ISRO के अध्यक्ष ए.एस. किरन कुमार के साथ लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बैठक के बाद की. सैमसंग के इन स्मार्टफोंस पर फ्लिपकार्ट दे रहा है डिस्काउंट
ISROअसम में इस तरह की रिसर्च सुविधा का निर्माण पहली बार कर रहा है. इससे भूस्थानिक प्रोद्यौगिकी जिसमें ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (GPS) की मदद से डाटा उत्पन्न करना, भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईसी) और असम में विकास का विस्तार करने के लिए सैटेलाइट रिमोट सेसिंग के संभावनाओं का पता लगाने में मदद मिलेगी.
इस रिसर्च सुविधा में रिमोट सेंसिंग प्रोद्यौगिकी का इस्तेमाल कर बाढ़ चेतावनी प्रणाली, मिट्टी का क्षरण और भूस्खलन समेत अन्य प्रकृतिक आपदाओं का सटीक पता लगाने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा.
बैठक के दौरान, सोनोवाल ने ISRO अध्यक्ष से राज्य के संपूर्ण विकास के लिए एकीकृत अंतरिक्ष प्रोद्यौगिकी स्थापित करने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि इस अध्ययन केंद्र के लिए राज्य सरकार ISRO को मुफ्त में जमीन मुहैया कराएगी.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अंतरिक्ष विभाग के साथ राज्य में अंतरिक्ष प्रोद्यौगिकी के विकास की संभावनाओं को तलाशने के लिए समझौता ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर करेगी.
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