इसरो के लिए लीथियम ऑयन बैटरी बनाएगा भेल

Updated on 24-Mar-2018
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने शुक्रवार को कहा कि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारतीय हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल यानी भेल) उसके लिए स्पेस ग्रेड का लीथियम आयन सेल्स यानी बैटरी बनाएगी।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने शुक्रवार को कहा कि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारतीय हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल यानी भेल) उसके लिए स्पेस ग्रेड का लीथियम आयन सेल्स यानी बैटरी बनाएगी। इसरो ने एक बयान में कहा, "हमने स्पेस ग्रेड लीथियम आयन सेल्स बनाने के लिए भेल के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का एक करार किया है।"

इसरो के अध्यक्ष के. सिवन और भेल के प्रबंध निदेशक अतुल सोबती ने गुरुवार को यहां स्पेस एजेंसी के मुख्यालय में करार पर हस्ताक्षर किए।

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इसरो ने बयान में कहा, "लीथियम आयन बैटरी का उपयोग हमारे उपग्रह और लांच व्हीकल के एप्लीकेशन में होता है क्योंकि इसमें उच्च ऊर्जा घनत्व व विश्वसनीयता होती है और यह लंबे समय तक चलती है।"

केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने स्पेस ग्रेट लीथियम सेल्स बनाने की प्रौद्योगिकी विकसित है। परीक्षण के तहत इसके कार्य का प्रदर्शन किया, जिसमें पाया गया कि इसकी सक्रियता का चक्र तीव्र है। 

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प्रौद्योगिकी हस्तांतरण से भेल अंतरिक्ष कार्यक्रम की जरूरतों की पूर्ति के लिए स्पेस ग्रेड लीथियम सेल्स बनाने में सक्षम होगा। इसरो ने कहा, "इस प्रौद्योगिकी को अपनाकर देश की अन्य जरूरतों के लिए भी लीथियम सेल की आवश्यकतों की पूर्ति की जा सकती है।"

IANS

Indo-Asian News Service

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