भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Isro) ने सोमवार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के लिए EMISAT को लॉन्च किया है। EMISATएक इलेक्ट्रॉनिक इंटेलीजेंस सैटेलाइट है जिसे उसकी कक्षा में सुरक्षित स्थापित कर दिया गया है। इसके साथ ही EMISAT के साथ दूसरे देशों के 28 उपग्रह को लेकर लगभग 239 किलोग्राम वजनी PSLV रॉकेट ने Satish Dhawan Space Centre से सुबह 9.27 बजे उड़ान भरी। इन बाकी सैटेलाइट्स में अमेरिका के 24, लिथुआनिया के दो और स्पेन तथा स्विट्जरलैंड के एक-एक उपग्रह शामिल थे। Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV) को इस लॉंच में इस्तेमाल किया गया था।
इसरो के चेयरमैन K. Sivan ने इससे पहले आईएएनएस से कहा था, "यह हमारे लिए विशेष मिशन है। हम चार स्ट्रैप-ऑन मोटरों वाला एक रॉकेट का उपयोग करेंगे। इसके बाद पहली बार रॉकेट को तीन विभिन्न दूरियों की कक्षाओं में ले जाने का प्रयास करेंगे।" आपको बता दें कि Isro उपग्रहों के वजन के मुताबिक ही रॉकेट को चुनता है।
आपको बता दें कि उड़ान भरने के सिर्फ 16 मिनट बाद रॉकेट के चौथे चरण का इंजन बंद हो गया। इसके 47 सेकेंड बाद 753 किलोमीटर की ऊंचाई पर रॉकेट से EMISAT निकल गया। सूत्रों के मुताबिक सामरिक क्षेत्रों से उपग्रहों की मांग बढ़ गई है। एजेंसी लगभग 6 से 7 सैटेलाइट्स को तैयार करने की प्लानिंग कर रही है रही है। इसरो का कहना है कि भारत जुलाई या अगस्त 2019 में अपने नए और छोटे सेटेलाइट लांच व्हीकल (SSLV) रॉकेट से दो या ज्यादा रक्षा उपग्रहों को भी लांच करेगा। इस तरह अगर ISRO ऐसा करता है तो भारत कुल 297 विदेशी सैटेलाइट्स को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर लेगा।
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