हाल ही में 29 नवंबर को लॉन्च किया गया इसरो का इमेजिंग सैटेलाइट Hyperspectral (HySIS) अपने काम पर लग गया है। दरअसल इमेजिंग सैटेलाइट ने ऑर्बिट में प्रक्षेपित होने के बाद वहां से अपनी पहली तस्वीर भेजी है। यह तस्वीर गुजरात के लखपत इलाके की हैं जिनमें क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों को दिखाया गया है। Indian Space Research Organisation (ISRO) के सूत्रों के मुताबिक भारतीय स्पसे एजेंसी HySIS दुरभेजीं गयी तस्वीरों की क्वालिटी से संतुष्ट है।
ISRO ने बताया कि राष्ट्रीय दूर संवेदी केन्द्र (NRSC) पर हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट (हाइसिस) से मिलीं तस्वीरों को कृषि, सॉइल टेस्टिंग और पर्यावरणीय निगरानी में इस्तेमाल किया जा सकता है। आपको बता दें किनवंबर के अंत में ही श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से PSLV-C43 रॉकेट से हाइसिस को 30 और अंतरराष्ट्रीय सैटेलाइट्स के साथ प्रक्षेपित किया गया था।
आपको बता दें कि हाइसिस सैटेलाइट का वज़न 380 किलोग्राम है जिससे धरती की सतह को electromagnetic spectrum के दृश्य, निकट infrared और शॉर्टवेव infrared क्षेत्रों में अध्ययन किया जाएगा। वहीं इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष Sivan ने कहा था कि संगठन देश में उपलब्ध सुविधाओं का इस्तेमाल कर अपने महत्वाकांक्षी मानव अभियान 'गगनयान' को ज़्यादा से ज़्यादा स्वदेशी बनाना चाहता है।
स्पेस एजेंसी दिसंबर 2020 तक गगनयान परियोजना के तहत पहला मानव रहित कार्यक्रम शुरू करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। एजेंसी के मुताबिक अगर गगनयान सफल होता है तो भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाला चौथा राष्ट्र बन जाएगा।
इसरो प्रमुख के कहना है कि 2022 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष में मानव को भेजने के सपने को साकार करने के लिए कुछ परीक्षण के लिए टीम विदेश जा सकती है लेकिन अभी यह निश्चित नहीं किया गया है। इसके साथ ही एजेंसी के मुताबिक अगले साल वह 12 से 14 अभियान की योजना बना सकती है।