Ariane-5 का शानदार प्रदर्शन, ISRO GSAT-11 का हुआ सफल लॉन्च
भारत का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-11 सफलतापूर्वक लॉन्च हो चुका है। देश की स्पेस एजेंसी इसरो ने यह जानकारी दी है कि कम्युनिकेशन सैटेलाइट ऑर्बिट में पहुँच चुका है।
भारत की स्पेस एजेंसी Indian Space Research Organisation (ISRO) ने अपने ट्विटर हैंडल के ज़रिये यह जानकारी दी है कि आज भारत का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-11 सफलतापूर्वक अपने ऑर्बिट में पहुँच चुका है। सैटेलाइट GSAT-11 को Arianespace के Ariane-5 राकेट के ज़रिये French Guiana से लॉन्च किया गया है। इसरो के मुताबिक कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-11 का वज़न 5,854 kg है। इस सफल लॉन्च के बाद सैटेलाइट Geosynchronous Transfer Orbit में प्रवेश कर चुका है। इसके बाद अब सैटेलाइट के ऑन-बोर्ड मोटर को फायर करके geostationary orbit में भेजा जायेगा।
Update #7#ISROMissions
"Succesful #GSAT11 mission acheived with big support from @Arianespace. Credit also for #TeamISRO," Dr K Sivan during his post-launch statement from Spaceport in French Guiana. pic.twitter.com/qjlzZ9oQQW
— ISRO (@isro) December 5, 2018
लगभग 1,174 करोड़ रुपए के इस कम्युनिकेशन सैटेलाइट के ज़रिये डिजिटल इंडिया के BharatNet project के तहत वॉइस और वीडियो स्ट्रीमिंग को बूस्ट किया जायेगा। इसरो चेयरमैन K Sivan का कहना है कि देश के छोटे गांवों और शहरों को इस बड़े कम्युनिकेशन सैटेलाइट से जोड़ा जायेगा। GSAT-11 BharatNet को सपोर्ट करेगा जिसके साथ इ-गवर्नेंस और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के रूप में ग्राम पंचायत भी शामिल होंगी। इसके साथ ही VSAT टर्मिनल्स और एंटरप्राइज नेटवर्क के लिए कंज़्यूमर ब्रॉडबैंड ऍप्लिकेशन्स से भी यह जुड़ेगा।
इसरो का कहना है कि GSAT-11 एडवांस कम्युनिकेशन सैटेलाइट्स के बीच एक अच्छी शुरुआत के तौर पर शामिल हो सकता है जिसके ज़रिये इंडियन मेनलैंड और आईलैंड्स पर मल्टी-स्पॉट बीम एंटीना कवरेज आसानी से किया जा सकता है। इस सैटेलाइट की मिशन लाइफ 15 साल है। इसके साथ ही इसमें 32 यूज़र बीम्स (Ku band)और 8 हब बीम्स (Ka band) और 16 Gbps डाटा रेट है। आपको बता दें की इसरो के मुताबिक यह कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-11देशभर की ब्रॉडबैंड सर्विसेस को और भी बेहतर बनाने में मदद करेगी। इसके साथ ही नए जनरेशन की ऍप्लिकेशन्स के लिए भी यह कारगर साबित हो सकता है।
आपको बता दें कि अप्रैल 2018 में K Sivan की मौजूदगी में इसी जगह से इस कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-11 की परफॉरमेंस के लिए कुछ टेस्ट्स किये थे। GSAT-11 को मई 2018 के बीच में लॉन्च करने की तैयारी की गयी थी लेकिन कुछ टेस्ट्स को लेकर लॉन्च को आगे के लिए बढ़ा दिया गया। कहा जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि GSAT-6A की असफलता के बाद कुछ टेस्ट के साथ GSAT-11 को डबल चेक किया जाना बाकी था। ISRO के मुताबिक GSAT-6A की असफलता के पीछे कम्युनिकेशन लॉस था।
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