बस परिवहन में पहली और अग्रणी कंपनी इंटरसिटी स्मार्टबस ने लॉकडाउन के बाद यात्राओं के बहाल होने पर सर्वश्रेष्ठ बिक्री दर्ज की है। कंपनी उपभोक्ता की सोच में बदलाव के कारण पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी तेज वृद्धि कर रही है और आने वाले वर्ष में भी यही रुख बरकरार रहने की उम्मीद करती है।
खासतौर से, महामारी के कारण, उपभोक्ताओं ने अनुभव की समग्र गुणवत्ता के बेहतर होने की अपेक्षा करना शुरू किया है, जिसमें सुरक्षा, आरामदेयता और सुविधा को पहले से ज्यादा महत्व मिल रहा है। उपभोक्ता की पसंद बदलने की समझ ने स्मार्टबस को अपना परफॉर्मेंस बेहतर बनाने और ऊँचाई छूने में मदद की है। यह तथ्य तुलनात्मक रूप से कम लोग जानते हैं, लेकिन सच्चाई यही है कि कोविड 19 ने इंटरसिटी स्मार्टबस के लिये संभावनाओं के द्वार खोल दिये हैं और इंटरसिटी मोबिलिटी सेगमेंट में अपना स्तर ऊँचा करने में उसकी सहायता की है।
कंपनी आज ब्राण्ड की ओर आकर्षित करने वाले मजबूत उपायों और यात्री की वफादारी, विश्वास और भरोसे के कारण नये मार्गों में विस्तार कर रही है और इंटर-सिटी मोबिलिटी सेगमेंट में में अपनी बाजार पहुंच को मजबूत बना रही है। कंपनी सभी सात हब्स, यानि दिल्ली, बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, अहमदाबाद और लखनऊ में कोविड से पहले के सभी मौजूदा मार्गों पर पूरा परिचालन बहाल कर चुकी है और 200 से ज्यादा शहरों को जोड़ रही है। यह बातें यात्रियों के भरोसे को स्पष्ट रूप से प्रतिबिम्बित करती हैं, जिन्हें ब्राण्ड की इंटरसिटी स्मार्टबस फ्लीट पर भरोसा, विश्वास और आशा है।
कंपनी की सफलता पर टिप्पणी करते हुए इंटरसिटी इंटरसिटी रेलयात्री के सीईओ और को-फाउंडर श्री मनीष राठी ने कहा, ‘‘हमारा ब्राण्ड ग्राहकों की जरूरतें समझने पर बहुत ध्यान देता है और यात्रा के सर्वश्रेष्ठ अनुभव की पेशकश करता है। हमारी सेवा से संतुष्ट ग्राहकों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। कोविड से पहले के हमारे सभी मार्ग 15-20 प्रतिशत बेहतर फिल रेट्स देख रहे हैं और हमारा यूनिट इकोनॉमिक्स भी सुधरा है। यह हमारे लिये गर्व का विषय है।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘इसके अलावा, लॉकडाउन के दौरान हमने जो सर्वे किया था, उसने उपभोक्ता की सोच को समझने और कई नवाचार पेश करने में हमारी मदद की है। इससे हमें इंटर-सिटी मोबिलिटी के बाजार में अपनी अग्रणी स्थिति बनाये रखने और हमारी अपेक्षा से ज्यादा तेज गति से आगे बढ़ने में मदद मिली है।’’
जहाँ तक यात्रा और परिवहन उद्योग की बात है, लगभग 60 प्रतिशत यात्री रेल और सरकारी स्वामित्व वाली सड़क परिवहन निगम की बसों में चलते हैं। इस आंकड़े में पिछले लगभग 10 वर्षों से कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। यहाँ उन निजी कंपनियों की जरूरत है, जिनसे अपना नेटवर्क बढ़ाने और अतिरिक्त यात्री परिवहन प्रदान करने की अपेक्षा की जाती है।
इस प्रकार, निजी इंटर-सिटी बसों से शेष मांग को पूरा करने और अंतिम मील की कनेक्टिविटी में अभाव को दूर करने की उम्मीद है।
आज निजी इंटर-सिटी बसें यात्रा का अकेला सबसे बड़ा और पसंदीदा तरीका हैं। सब कुछ सामान्य रहा, तो अगले 5 वर्षों में निजी इंटर-सिटी बसों की भूमिका बहुत बढ़ने वाली है। इंटर-सिटी ट्रैवेल सेगमेंट में यह अभूतपूर्व वृद्धि सीधे जीडीपी की वृद्धि और देश के हाइवे नेटवर्कों में हुए निवेशों से जुड़ी है।
ब्राण्ड इंटरसिटी स्मार्टबस द्वारा की गईं कुछ अन्य पहलों में अपने यात्रियों और क्रू की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये सेफ+ पहल शामिल है। इसके अलावा कंपनी ने स्मार्टबस लॉउंजेस का कॉन्सेप्ट दिया, जिसमें सामाजिक दूरी बनाये रखने और सैनिटाइज्ड इंटीरियर्स पर प्रमुख रूप से ध्यान दिया गया है। हर स्मार्टबस में एक बस कैप्टन होता है, जो यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा का ध्यान रखता है। इनके अलावा एक सेल्फ-हेल्प पोर्टल और एप से यात्री अपनी बस यात्रा को टैªक कर सकते हैं, वैक-अप अलार्म सेट कर सकते हैं, भोजन और स्नैक्स का ऑर्डर दे सकते हैं, आदि।
इस ब्राण्ड ने सुविधाजनक और आरामदेय वातानुकूलित लाउंजेस का कॉन्सेप्ट दिया है, जहाँ बस यात्री अपनी बस की प्रतीक्षा कर सकते हैं और एक सुरक्षित वातावरण में इनडोर समय बिता सकते हैं। हर लाउंज में एक वेटिंग एरिया होता है, जिसमें बैठने की आरामदेय जगह और पावर नैप लेने के लिये रिक्लाइनर्स होते हैं, साथ ही फ्री वाई-फाई, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स, और मूलभूत सुविधाएं, जैसे स्वच्छ पेयजल, काॅफी और शौचालय भी हैं।