भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या इस साल जून तक 50 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी. इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) और कांतर-आईएमआरबी द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट 'इंटरनेट इन इंडिया 2017' में मंगलवार को यह जानकारी दी गई. आईएएमएआई ने इंटरनेट यूजर्स की संख्या 2016 के दिसम्बर की तुलना में 2017 के दिसम्बर में 11.34 फीसदी बढ़कर 48.1 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान लगाया था. अब नए अनुमानों के अनुसार 2018 के जून तक भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 50 करोड़ के आंकड़े को छू जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार 2017 के दिसम्बर तक देश की कुल आबादी में इंटरनेट की पहुंच 35 फीसदी थी.
रिपोर्ट के अनुसार 2016 के दिसम्बर के बाद से शहरी भारत में 9.66 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और 2017 के दिसम्बर तक इंटरनेट यूजर्स की अनुमानित संख्या 29.5 करोड़ के आंकड़े पर पहुंच गई. वहीं दूसरी ओर ग्रामीण भारत में 2016 के दिसम्बर के बाद 14.11 फीसदी की वृद्धि हुई और 2017 के दिसम्बर में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 18.6 करोड़ के आंकड़े पर पहुंच गई.
रिपोर्ट में कहा गया कि हालांकि ग्रामीण भारत में वृद्धि ज्यादा तेजी से हुई है, लेकिन ग्रामीण भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या आज भी बेहद कम है. 2017 के दिसम्बर में शहरी भारत में इंटरनेट की पहुंच 64.84 फीसदी थी, जबकि 2016 के दिसम्बर में यह आंकड़ा 60.6 फीसदी था. ग्रामीण भारत में पिछले 2016 के दिसम्बर मंे यह आंकड़ा 18 फीसदी था जो 2017 के दिसम्बर में बढ़कर 20.26 फीसदी पर पहुंच गया. देश की कुल शहरी आबादी कुल ग्रामीण आबादी की तुलना में कम है, ऐसे में साफ है कि आज भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच बड़ी डिजिटल खाई है.
आंकड़ों की बात करें तो शहरी भारत की 45.5 करोड़ आबादी में से 29.5 करोड़ लोग पहले से इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हंै. 2011 की जनगणना के अनुसार 91.8 करोड़ की ग्रामीण आबादी में से इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या मात्र 18.6 करोड़ है. ऐसे में आज भी ग्रामीण भारत में 73.2 करोड़ संभावित यूजर्स है, जिन तक पहुंच सुनिश्चित करने की जरूरत है.
रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 18.29 करोड़ या 62 फीसदी लोग रोजाना इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, जबकि ग्रामीण भारत मंे यह संख्या 9.8 करोड़ या 53 फीसदी है. शहरी भारत की तुलना में ग्रामीण भारत में लगभग दोगुना लोग इंटरनेट का इस्तेमाल महीने में एक बार से भी कम करते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आज भी इंटरनेट यूजर्स के बाजार में पुरुषांे का प्रभुत्व है. जहां एक ओर 'डिजिटल इंडिया' ग्रामीण भारत में अपनी पहुंच बढ़ा रहा है, वहीं दूसरी ओर लैंगिक दृष्टि से बड़ा अंतराल आज भी मौजूद है. हर व्यक्ति इंटरनेट का सुरक्षित इस्तेमाल करे, इसे सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल साक्षरता को प्रोत्साहित करना होगा.