Instagram चलाने के लिए देने होंगे हर महीने 1200 रुपये? कंपनी कर रही बड़ी तैयारी, चौंकाने वाली है नई रिपोर्ट

Reels और फोटो शेयरिंग के लिए Instagram काफी पॉपुलर ऐप है. भारत में भी लाखों लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, Instagram एक नई तैयारी कर रहा है. रिपोर्ट की माने तो Instagram यूजर्स से पैसे चार्ज करने वाला है. इसके बदले में कंपनी ऐड फ्री एक्सपीरियंस देगी.
लेकिन, अच्छी बात है कि कंपनी इस पॉलिसी को भारत में नहीं लागू कर रही है. रिपोर्ट में बताया गया है कि Meta एक बार फिर यूरोपियन यूनियन (EU) के यूजर्स के पीछे पड़ा है. इसकी वजह है उसे वहां की सख्त टेक नियमों से जूझना पड़ रहा है. Meta का प्लान है कि यूजर्स से हर महीने $14 (लगभग 1,190 रुपये) चार्ज करे, ताकि उन्हें फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ऐड्स न दिखें.
हालांकि, इसका फ्री वर्जन उपलब्ध रहेगा लेकिन उसमें ऐड्स से आजादी नहीं मिलेगी. इसके अलावा Meta एक कॉम्बो ऑफर भी ला रहा है. इससे इंस्टाग्राम और फेसबुक दोनों को ऐड-फ्री करने के लिए $17 प्रति महीना (लगभग 1,445 रुपये) का चार्ज कंपनी लेगी. यह चार्ज डेस्कटॉप के लिए है.
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क्यों हो रहा है ये बदलाव?
यह रणनीति खास तौर पर EU को टारगेट कर रही है, जहां रेगुलेटर्स ने टेक कंपनियों को ऑर्डर दिया है कि यूजर्स की ऑनलाइन हिस्ट्री और एक्टिविटी के आधार पर ऐड्स मत थोपो. फ्री वर्जन में तो ऐड्स हमेशा से कमाई का जरिया रहे हैं. Meta और Google (Alphabet) ने पिछले दशक में इससे अरबों कमाए हैं.
कंपनी का कहना है कि वो यूजर्स से ऐड्स दिखाने की परमिशन लेना चाहती है और सिर्फ उनकी सहमति से ही बिजनेस को टारगेटेड एडवरटाइजिंग का मौका देगी. अमेरिकी सरकार ने भी Meta से इन प्रैक्टिस पर सवाल किए हैं. लेकिन EU में हालात ज्यादा सख्त हैं. वहां यूजर्स को बेहतर प्राइवेसी नॉर्म्स मिलते हैं और कंपनियों को नियम मानने पड़ते हैं. ऐसा नहीं करने पर उनपर लाखों-करोड़ों का जुर्माने लगाया जा सकता है.
Instagram के पेड वर्जन से बढ़ेगी कमाई
Instagram के पेड वर्जन आने से Meta के लिए ऐड्स की कमी को तुरंत कवर मिल जाएगा. इससे कंपनी के लिए कमाई के नए रास्ते भी खुलेंगे. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब हम इन प्लेटफॉर्म्स के लिए पेड मॉडल की बात सुन रहे हैं.
यह प्रपोजल सबसे पहले 2023 में आए थे. अब EU रेगुलेटर्स को Meta की अपील पर फैसला करना है कि SNA (सब्सक्रिप्शन नो ऐड्स) मॉडल ठीक है या नहीं. देखना यह है कि EU के यूजर्स प्लेटफॉर्म यूज करने के लिए पैसे देने को तैयार होंगे या फिर दूसरी ऐप्स ढूंढेंगे जो वैसी ही सुविधाएं दें.
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Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile