भारत में स्मार्टफोन इंडस्ट्री को कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण लगभग 2 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। ऐसा इसलिए भी हुआ है क्योंकि कोरोनावायरस लॉकडाउन के चलते शिपमेंट आदि को बंद कर दिया गया है। यह मार्च और अप्रैल के महीने में बड़े पैमाने पर देखा गया है। इस बात की जानकारी काउंटरपॉइंट की रिपोर्ट में सामने आ रही है।
आपको बता देते हैं कि एक बात यहाँ देने वाली है कि यह सब यानी कोरोनावायरस कोविड-19 महामारी देश में मार्च महीने के मध्य में शुरू हुआ, और काउंटरपॉइंट की एक शोध में ऐसा कहा गया है कि इसके बाद से देशभर में लॉकडाउन को लागू कर दिया गया था। जिसके बाद से इस बड़े नुकसान को देखा जा रहा है। अगर हम पिछले साल के मुकाबले यह दो महीने देखें तो ऐसा कभी भी नहीं हुआ है।
इसके कारण जो डिक्लाइन देखने को मिल रहा है वह 2020 में शिपमेंट को लेकर देखें तो लगभग 3 फीसदी का है, यानी लगभग 153 मिलियन यूनिट्स अगर इससे पिछले साल से तुलना करके देखें तो यह पिछले साल 158 मिलियन यूनिट्स था।
आपको बता देते है कि काउंटरपॉइंट रिसर्च एसोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक ने PTI को यह बताया है कि, “हमने एक इयर ऑन इयर डिक्लाइन यानी लगभग 27 फीसदी डिक्लाइन को मार्च में देखा है, और इसे लेकर हम अंदाज़ा लगा रहे हैं कि यह अप्रैल में लगभग 60 फीसदी था, जिसके बाद रेवेन्यु की अगर बात करें तो यह लगभग 2 बिलियन डॉलर के आसपास के लोस को दर्शाती है, यह आंकड़ा इस लॉकडाउन पीरियड मात्र का ही है।”
हालाँकि अब लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है और कोरोनावायरस लॉकडाउन अब 17 मई तक प्रभावी होगा, ऐसे में हम देखने वाले हैं कि मई में भी एक बड़ा असर हमें देखने को मिलने वाला है। यहाँ पाठक कहते हैं कि अगर लॉकडाउन को और अधिक बढ़ाया जाता है, जैसा कि यह बढ़ाया जा चुका है तो आपको बता देते हैं कि लोस इतना बड़ा हो सकता है जिसे आने वाले काफी समय तक याद रखा जाने वाला है, इसके अलावा कोरोनावायरस लॉकडाउन के चलते पूरी सप्लाई चैन और चैनल्स पर रेवेन्यु और पेमेंट को देखते हुए बड़ा असर हो सकता है। आप यहाँ काउंटरपॉइंट की इस रिपोर्ट को देख सकते हैं।