पाकिस्तानी ड्रोंस का हवा में ही होगा खात्मा, भारतीय सेना की अनोखी पहल, देखें वीडियो

पाकिस्तानी ड्रोंस का हवा में ही होगा खात्मा, भारतीय सेना की अनोखी पहल, देखें वीडियो
HIGHLIGHTS

भारतीय सेवा द्वारा स्मॉल ड्रोंस को पहचानने के लिए चीलों को ट्रेनिंग दी जा रही है।

औली 18वें युद्ध अभ्यास को होस्ट कर रहा है। जहां से यह नजारा सामने आ रहा है।

इस ट्रेनिंग शेड्यूल में इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप के कामों पर फोकस किया गया है।

भारतीय सेना के द्वारा देश की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत, एक नई पहल की शुरुआत की गई है, सामने आ रहा है कि इसी चरण में भारतीय सेना चीलों को ट्रेनिंग दे रही है, ऐसा भी सकते है कि ट्रेन कर रही है, ताकि पाकिस्तान से आने छोटे ड्रोन्स को हवा में ही पहचान कर उन्हें मार गिराया जा सके।   

मंगलवार को, ट्रेंड चीलों के द्वारा पाकिस्तान से उत्तराखंड के औली में स्मॉल ड्रोंस को नीचे गिराकर यह साबित किया जा चुका है कि भारतीय सेना अपने इरादों में सक्षम है। औली 18वें युद्ध अभ्यास को होस्ट भी कर रहा है, जो कि एक जॉइंट ट्रेनिंग अभ्यास है जो भारतीय सेना और उनके अमेरिकी काउंटरपार्ट द्वारा हर साल किया जाता है।  

सबसे पहला युद्ध अभ्यास साल 2002 में शुरू किया गया था। युद्ध अभ्यास एक वार्षिक जॉइंट अभ्यास है जो भारतीय सेना और अमेरिकी सेना द्वारा मिलकर आयोजित किया जाता है, इस सैन्य अभ्यास का लक्ष्य दोनों देशों में एक दूसरे के सैन्य सिद्धांतों को सहयोग देना और बेहतर समझ विकसित करना है। 
 
भारतीय सरकार ने एक स्टेटमेंट में बताया कि, "जॉइंट अभ्यास दो देशों की सेनाओं द्वारा एक दूसरे की बेस्ट प्रैक्टिसेज़, रणनीतियां, तकनीकें, और प्रोसीजर को साझा करने के लिए वार्षिक रूप से संचालित किया जाता है।"
 
पिछले साल, 2021 एडिशन में भारत-US जॉइंट सैन्य अभ्यास अलास्का के जॉइंट आधार "Elmendorf Richardson" में रखा गया था। युद्ध अभ्यास के 18वें एडिशन में US सेना 11th Airborne Division के 2nd Brigade से और भारतीय सेना असम रेजीमेंट से हिस्सा ले रही है।  इस ट्रेनिंग शेड्यूल में इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप के कामों पर फोकस किया गया है। इस शेड्यूल में वे सभी कार्य शामिल किए जाएंगे जिनसे देशों के बीच शांति बनाई रखी जा सके। दोनों ही देशों के सैनिक अपने अपने उद्देश्यों तक पहुँचने के लिए साथ मिलकर कार्य कर रहे है।  जॉइंट अभ्यास में इंसानियत को बचाने और आपदा से बचने के कार्यों पर भी फोकस किया जा रहा है।

साभार: 

अश्वनी कुमार

अश्वनी कुमार

अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी में पिछले 7 सालों से काम कर रहे हैं! वर्तमान में अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी के साथ सहायक-संपादक के तौर पर काम कर रहे हैं। View Full Profile

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