भारतीय यूजर्स को अभी तक 5G नेटवर्क भी नहीं मिल पाया है लेकिन भारत सरकार (Indian government) ने 6G के ट्रायल (6G Trial) की मंजूरी दे दी है। दूरसंचार विभाग ने ट्रायल के लिए सरकारी टेलीकॉम रिसर्च कंपनी सी-डॉट को इसकी जिम्मेदारी दी है। जानकारी के अनुसार, विभाग ने सी-डॉट से 6जी नेटवर्क (6G Network) से संबंधित सभी तकनीकी संभावनाओं पर विचार करने के लिए कहा है। यह भी पढ़ें: Amazon के Happiness Upgrade Days में स्मार्टफोंस, इलेक्ट्रोनिक्स पर सबसे दमदार डिस्काउंट और ऑफर
भारत सरकार ने मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट की सुविधा को और भी बेहतर बनाने के लिए 6जी नेटवर्क (6G network) के ट्रायल शुरू कर दिए हैं। दूरसंचार विभाग ने इसकी ज़िम्मेदारी सरकारी टेलीकॉम कंपनी सी-डॉट ने दी है। जानकारी के मुताबिक, विभाग ने सी-डॉट से 6जी नेटवर्क (6G network) से संबन्धित सभी तकनीकी संभावनाओं पर विचार करने के लिए कहा गया है। यह भी पढ़ें: Amazon के Happiness Upgrade Days में इन बैंक कार्ड से खरीदेंगे ये लैपटॉप तो होगा हजारों का मुनाफा
Samsung, LG और Huawei जैसी दुनियाभर की स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां पहली ही 6G तकनीक पर काम शुरू कर रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 6G तकनीक में इंटरनेट स्पीड 5G के मुक़ाबले 50 गुना तक तेज़ हो सकती है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 6G तकनीक को बाज़ार में 2028 से 30 के बीच लाया जा सकता है। भारत में फिलहाल 5जी नेवोर्क पर ट्राइल चल रहा है और इसे लॉन्च किया जाना बाकी है। यह भी पढ़ें: घर बैठे अपने मोबाइल नंबर को दूसरी कंपनी में कैसे करें पोर्ट, सबसे आसान तरीका जो मिनटों में कर देगा आपका ये काम आसान
अभी तक भारतीय यूजर्स 4G नेटवर्क का ही उपयोग कर पा रहे हैं और 5G के ट्रायल चल रहे हैं। अभी इसे बाज़ार में आने में कुछ समय लगना है। ऐसे में सवाल यह है कि जब 5G आ नहीं पाया है तो 6G के ट्रायल शुरू करना क्या मतलब है। दरअसल, सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया ताकि 6G के मामलों में भारत अन्य देशों की कंपनियों से पिछड़ न जाए। यह भी पढ़ें: Festive Season में Airtel दे रहा है 6000 रुपये का कैशबैक ऑफर, देखें कैसे मिलेगा