गूगल फॉर इंडिया इवेंट के दौरान, कंपनी ने कुछ नए फीचर्स की घोषणा की ताकि भारत वासियों तक इंटरनेट की पहुँच को और आसान बनाया जा सके। टेक जायंट ने AI के उपयोग, गूगल पे में बेहतर सुरक्षा के फीचर्स और डीजीलॉकर सेवा के साथ फाइल्स ऐप को एकीकृत करने की क्षमता के बारे में बात की।
गूगल के CEO 'Sundar Pichai' ने कहा कि, "मुझे लगता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समय के साथ हर एक क्षेत्र में पहुँच जाएगा। मैं यह देखने के लिए बहुत उत्सुक हूँ कि हमारे गूगल मिशन की सेवा में AI का उपयोग किस तरह किया जाएगा। हम AI का उपयोग लगातार बढ़ाते जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक भाषाएँ ऑफर की जा सकें। अब हम एक ऐसे पावरफुल AI मॉडल पर काम कर रहे हैं जो 1000 भाषाओं को सपोर्ट कर सके। AI गूगल सर्च पर मल्टी-मॉडल व्यू लाने के लिए हमारी मदद करेगा।"
गूगल 'इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलूरू के साथ प्रोजेक्ट वाणी के लिए पार्टनरशिप कर रहा है। इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य यह है कि, "भारत की अनेक बोलियों को कैप्चर करके एक बेहतर AI भाषा मॉडल तैयार किया जा सके।" इस प्रोजेक्ट में ओपन-सोर्स स्पीच डेटा शामिल किया जाएगा जो कि भारत के सभी 773 जिलों में से इकट्ठा किया जा रहा है। यह भारतीय सरकार के नेतृत्व में भाषिणी प्रोजेक्ट के माध्यम से संभव होगा। गूगल एक ऐसे सिंगल यूनिफाइड मॉडल को विकसित करने का लक्ष्य बना रहा है जो स्पीच और टेक्स्ट दोनों में 100 भारतीय भाषाओं को हैंडल करने में सक्षम हो।
गूगल ने इवेंट के दौरान एक नया सर्च फीचर भी लॉन्च किया। गूगल का मल्टी-सर्च फीचर जल्द ही कई सारी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगा जिसकी शुरुआत हिन्दी से होगी। इस फीचर की मदद से यूजर्स इमेजिस और टेक्स्ट एक साथ सर्च कर सकते हैं। अभी के लिए यह सिर्फ अंग्रेजी में ही उपलब्ध है। गूगल एक ऐसा इंडिया-फ़र्स्ट फीचर भी लॉन्च करेगा जिसमें सर्च रिजल्ट्स दो भाषाओं में आएंगे (ऐसे रिजल्ट्स सिर्फ उन यूजर्स को दिखेंगे जो द्विभाषी रिजल्ट देखना चाहते हैं)।
गूगल इसके लिए "एडवांस मशीन लर्निंग आधारित ट्रांसलेशन मॉडल्स" और "एक क्रॉस भाषा सर्च टेक्नोलॉजी" का उपयोग करेगा। यह फीचर हिन्दी में रोलआउट होना शुरू हो चुका है और जल्द ही आने वाले साल में अन्य भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध होगा, जैसे तमिल, मराठी, तेलुगू और बंगाली।
गूगल ने यह भी घोषणा की है कि इसके हिंगलिश बोलने वाले यूजर्स के लिए स्पीच पहचान की टेक्नोलॉजी को भी बेहतर बनाया जाएगा। कंपनी कहती है कि "यह नया मॉडल अधिक प्रभावी तरीके से उन लोगों को समझ पाएगा जो हिंगलिश में बात करते हैं।"
गूगल, 'National eGovernance Division' (NeGD) के साथ सहयोग कर रहा है ताकि यूजर्स 'फाइल्स बाय गूगल' ऐप के माध्यम से अपने वेरिफाइड डिजिटल डॉक्यूमेंट्स को एक्सेस कर सकें। फाइल्स को डीजीलॉकर के साथ एकीकृत करके ऐसा किया जा सकता है। टेक जायंट कहता है कि, "गूगल के द्वारा फाइल में स्टोर किए गए डॉक्यूमेंट्स एक अलग जगह सेव रहते हैं जो कि सिर्फ एक लॉक स्क्रीन ऑथेंटिकेशन से ही एक्सेस किए जा सकते हैं।" ऐप आवश्यक सरकारी डॉक्यूमेंट्स को पहचान कर उन्हें भी एक सुरक्षित फोल्डर में रख देता है।
गूगल ने गूगल पे के लिए भी बेहतर सुरक्षा फीचर्स की घोषणा की है। यूजर्स को अलर्ट करने के लिए इन फीचर्स में 'मल्टी-लेयर्ड इंटेलिजेंट वॉर्निंग्स' भी शामिल की जाएंगी।