डिजिटल इंडिया पहल के तहत, सरकार ने कई सारी सेवाएं ऑनलाइन शुरू की है. हालांकि इससे ये सेवाएं जनता के आसान पहुंच में आ गई हैं, लेकिन यह उन खतरों और कमजोरियों को भी उजागर करता है जो कि साइबर स्पेस का एक निहित भाग है.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि डिजिटलीकरण ने अधिकांश लोगों को साइबर खतरों और भेद्यता के संपर्क में ला दिया है. मंत्री ने कहा, "डिजिटल इंडिया पहल के तहत, सरकार ने कई सारी सेवाएं ऑनलाइन शुरू की है. हालांकि इससे ये सेवाएं जनता के आसान पहुंच में आ गई हैं, लेकिन यह उन खतरों और कमजोरियों को भी उजागर करता है जो कि साइबर स्पेस का एक निहित भाग है."
उन्होंने यह बातें यहां नेशनल इफार्मेटिक्स केंद्र के 'एनआईसी-सीईआरटी' के उद्घाटन के मौके पर यह बातें कही.
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में साइबर हमलों में कई गुणा वृद्धि हुई है, जिससे डेटा चोरी को लेकर चिंता बढ़ी है. यही कारण है कि सरकार डेटा सुरक्षा अधिनियम का मसौदा तैयार कर रही है.
उन्होंने कहा, "इंटरनेट के विस्तार के साथ वर्तमान सुरक्षा अवसंरचना को भी मजबूत बनाने की जरूरत है."
प्रसाद ने कहा कि एनआईसी-सीईआरटी की स्थापना डिजिटलीकरण के खतरों को देखते हुए डेटा सुरक्षा के लिए की गई है.