Nokia की ओर से एक ऐसी तकनीकी को बाजार में लाने की तैयारी कर ली है, जो कहीं न कहीं कॉलिंग के अनुभव को एक नए मुकाम पर ले जाने वाली है। असल में एक डेमो के दौरान Nokia के CEO Pekka Lundmark की ओर से एक नई तकनीकी का इस्तेमाल करके एक कॉल किया, इस तकनीकी को “Immersive Audio and Video” कहा जा रहा है।
असल में कंपनी का कहना है कि इस नई तकनीकी के माध्यम से कॉल क्वालिटी को बेहतर बनाया जाने वाला है, इसके अलावा इस तकनीकी के माध्यम से असल जैसे कॉल अनुभव के लिए इसमें थ्री-डायमेंशनल इफेक्ट भी जोड़ा जा रहा है। इस नए कॉल का डेमो Finland के Ambassador of Digitalisation and New Technologies के साथ किया गया था।
Nokia ऐसा मानती है कि आने वाले समय में उसकी नई 3D Calling तकनीकी एक स्टैन्डर्ड बन जाने वाली है। इसी कारण कंपनी की ओर से नेटवर्क प्रोवाइडर्स, चिपसेट निर्माता और हैन्ड्सेट निर्माताओं को इस बात के लिए प्रेरित कर रही है कि वह अपने प्रोडक्टस में कंपनी की इस नई तकनीकी को शामिल कर लें।
यहाँ आपको बता देते है कि इस नई तकनीकी का गोल Google के Project Starline से काफी मिलता जुलता है। हालांकि, Nokia की Immersive Calling Technology में आपको ज्यादा किसी चीज की जरूरत नहीं है, लेकिन गूगल की बात करें तो इसमें आपको काफी कुछ चाहिए होता है। यानि गूगल के मुकाबले यह कम चीजों के साथ ही काम करने वाली तकनीकी है। इस डेमो के दौरान, जिसकी चर्चा अभी हम ऊपर कर रहे थे, CEO ने इस सेवा को बेहतरीन तरीके से दिखाया है।
कॉलिंग में अंतर्निहित तकनीक और अंतिम परिणाम दोनों ही काफी समय से एक जैसे ही रहे हैं। कॉलिंग में फ़ाइल साइज़ को कम करने के लिए हेवी कम्प्रेशन का उपयोग किया जाता था, जो कि तकनीक के पहली बार विकसित होने पर ट्रांसमिशन के लिए आवश्यक था। हालाँकि वर्तमान बुनियादी ढाँचे के साथ कई चैनलों के साथ उच्च-गुणवत्ता वाला ऑडियो प्रसारित किया जा सकता है, फिर भी हम मोनोफ़ोनिक सिस्टम का उपयोग करते हैं। यही कारण है कि नोकिया की 3D ऑडियो-आधारित इमर्सिव कॉलिंग तकनीक में एक उल्लेखनीय अतिरिक्त है।
नोकिया का यह योगदान न केवल आपको दूसरे छोर पर स्पीकर को सुनने देगा। बल्कि आपको दूसरे छोर पर पर्यावरण आदि को भी महसूस करने की आजादी देने वाला है। नोकिया के अध्यक्ष जेनी लुकेंडर ने कहा, “आज स्मार्टफोन और पीसी में उपयोग किए जाने वाले मोनोफोनिक टेलीफोनी ऑडियो की शुरुआत के बाद से यह लाइव वॉयस कॉलिंग अनुभव में सबसे बड़ी छलांग है।”
इस नई कॉलिंग विधि का एक लाभ यह है कि इसमें 3D इफेक्ट का अनुभव करने के लिए विशेष ऑडियो डिवाइस की आवश्यकता नहीं होती है। इमर्सिव प्रभाव बनाने के लिए कथित तौर पर केवल एक स्टीरियो माइक्रोफ़ोन सेटअप की आवश्यकता होती है, जो लगभग सभी हालिया स्मार्टफ़ोन में पहले से ही मौजूद है।