कोई भी स्मार्टफोन ऐप्स के बिना अधूरा रहता है। हमें हर एक छोटे से बड़े काम के लिए ऐप्स की ज़रूरत होती है फिर चाहे वह शॉपिंग ऐप्स हो बैंकिंग ऐप्स या सोशल मीडिया ऐप्स। हालांकि आपके स्मार्टफोंस में अक्सर ऐसे ऐप्स भी मौजूद हो सकते हैं जो नकली हैं और आपके डाटा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। आज हम आपको ऐसी ही कुछ खास बातें बता रहे हैं जिससे आप अपने फोन में फेक ऐप्स के हमले को रोक सकते हैं।
गूगल ने नकली ऐप्स का पता लगाने और उन्हें हटाने के लिए प्ले स्टोर में सिक्योरिटी चेक जोड़े हैं। हालांकि, इसके बावजूद भी कई हैकर्स प्ले स्टोर पर नकली ऐप्स बनाकर साइबर अटैक या ठगी करते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप फेक और असली ऐप्स में अंतर कर सकते हैं।
आपने देखा होगा कि गूगल प्ले स्टोर पर किसी ऐप को खोजते हैं तो एक नाम के कई ऐप्स रिज़ल्ट के तौर पर दिखाई देते हैं। इनके बीच अंतर इनके नाम और जानकारी में स्पेलिंग में मौजूद गलतियाँ होती हैं। डाउनलोड करने से पहले इन मिस्टेक का पता लगाने के लिए ऐप के विवरण को पढ़ें और नाम को भी ध्यान से देखें।
जब आप ऐप के डिसक्रिप्शन पेज को पढ़ते हैं तो यहां Editor's Choice और Top Developer जैसे टैग देखें क्योंकि इनमें ऐप के नकली होने की संभावना बेहद कम होती है।
इन्स्टाग्राम, व्हाट्सऐप, फेसबुक, PUBG मोबाइल जैसे अन्य कई लोकप्रिय ऐप्स को डाउनलोड करने के लिए जब गूगल प्ले स्टोर पर सेरच करते हैं तो कई विकल्प मिलते हैं। इनमें किसी ऐप के सिर्फ 5 से 10 हज़ार ही डाउनलोड होते हैं तो समझ जाइए कि वो ऐप नकली है।
किसी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसके स्क्रीनशॉट को भी ज़रूर देखें। नकली ऐप होने पर स्क्रीनशॉट में अजीब शब्द व अजीब तस्वीरें होने की संभावना है।
इसके साथ ही ऐप की रेटिंग्स और रिव्यू पर भी नज़र डालें क्योंकि इससे भी पता चल जाएगा कि अन्य यूजर्स का इस बारे में क्या कहना है।
नकली ऐप का पता लगाने के लिए इसकी पब्लिश डेट, वैबसाइट या लोकेशन आदि की जानकारी प्राप्त करें।