एनडीए सरकार का ‘स्मार्ट सिटी’ प्रोजेक्ट इस महीने के अंत तक लॉन्च हो सकता है. इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य बढ़ती शहरी जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करना और विदेशी निवेश को भारत में बढ़ावा देना है.
हमारी सरकार, भारत की पहली ‘स्मार्ट सिटी’ गुजरात में साबरमती नदी के किनारे बनाएगी. अभी इस समय इस सिटी में मात्र आधुनिक अंडरग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर और दो ऑफिस ब्लॉक्स ही हैं, पर इतना ही नहीं इस योजना के अंतर्गत बहुत कुछ है. इस पूरे प्लान में गगनचुंबी इमारतों के साथ एक पूरा महानगर खड़ा किया जाना है जिसमें नलकों से पीने का साफ़ और स्वच्छ पानी, ऑटोमेटेड वेस्ट कलेक्शन और बिजली की सुचारू सप्लाई होगी. इस चालु वित्त वर्ष में इस प्रोजेक्ट के लिए लगभग 2,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इस स्मार्ट सिटी को “गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी” (GIFT) के नाम से जाना जाएगा. इस सिटी को एक आर्थिक केंद्र के रूप में भी बढ़ावा दिया जाएगा जिससे इस ओर बड़े बैंक्स और उधोगपति आकर्षित हो सकें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बढ़ती शहरी जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने और उनकी सहायता के लिए भारत में 2022 तक 100 समार्ट सिटी बनाने का वादा किया था. यह वादा अब पूरा होता नज़र आ रहा है. इन स्मार्ट सिटीज का उद्देश्य विदेशी निवेश को बढ़ावा देना और उन लाखों भारतीय नौजवानों को नौकरियों के अवसर प्रदान करना है जो बेरोजगारी से जूझ रहे हैं.
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ अर्बन अफेयर्स के डायरेक्टर जगन शाह जो सरकार की नई विकास नीतियाँ बनाने में सहायता कर रहे हैं का कहना है कि, “अधिकाँश (भारतीय) सिटीज एक एकीकृत तरीके से नहीं बनाई गई हैं”. उन्होंने आगे कहा कि बिना एक्सपर्ट्स के इस तरह की हाईटेक सिटी का निर्माण करना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती पूर्ण स्थिति है. साथ ही इन सिटीज के माध्यम से हमें निजी फाइनेंस को भी अपनी ओर आकर्षित करना है तो काम और अधिक चुनौती भरा हो जाता है.
विस्तृत योजना बनाने के लिए की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “निजी क्षेत्रों को इस योजना से जोड़ने के लिए हमारे सामने बड़ी चुनौतियां खड़ी होने वाली हैं और कोई भी व्यक्ति जोख़िम भरे प्रस्तावों में नहीं फंसना चाहता है”. तो हमारे सामने समस्या और बढ़ने वाली है.
सोर्स: टाइम्स ऑफ़ इंडिया