केंद्र सरकार ने नई इनक्रिप्शन पॉलिसी के ड्राफ्ट को वापस ले लिया है. सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह जानकारी दी है.
केंद्र सरकार ने नई इनक्रिप्शन पॉलिसी के ड्राफ्ट को वापस लेने का फैसला किया है. सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सरकार की और से इस मामले पर सफाई दी साथ ही जानकारी दी की सरकार इस ड्राफ्ट को वापस ले रही है. आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर काफी हंगामा मच गया था.
इस मामले पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, मौजूदा सरकार सोशल मीडिया की आजादी की समर्थक है. यह एक ड्राफ्ट कॉपी थी और इस ड्राफ्ट को वापस लेने के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट इनक्रिप्शन पॉलिसी कहीं से भी सरकार की विचारधारा को नहीं दर्शाता.
आपकी बता दें कि, केंद्र सरकार ने जिस नई नेशनल इनक्रिप्शन पॉलिसी पर जनता से फीडबैक मांगा था उसकी भाषा को लेकर जानकार चिंतित थे. इसमें साफ तौर पर लिखा था कि यूज़र को 90 दिनों तक प्लेन टेक्स्ट मैसेज को स्टोर करना होगा.
सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट के अनुसार, ''भारत और भारत के बाहर से काम कर रहे सभी सर्विस प्रोवाइडर जो इनक्रिप्शन टेक्नोलॉजी के जरिए किसी भी तरह की सेवा मुहैया करा रहे हैं, उन्हें भारत में सर्विस देने के लिए केंद्र सरकार के साथ समझौता करना होगा." पॉलिसी की भाषा बेहद ही लचीली थी जिस कारण से कई ऐप्स और व्हाट्सऐप जैसे सर्विस इसकी जद में आ रहे थे. गौरतलब हो कि, सोशल मीडिया पर नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने के बाद सरकार ने बताया कि सोशल मीडिया, इंटरनेट बैंकिंग और ई-कॉमर्स नए गाइडलाइन के अंतर्गत नहीं आएंगे.