नोटबंदी और उसके बाद औद्योगिकी उत्पादन में गिरावट के बीच भारत सरकार का आईटी पर खर्च साल 2018 तक 8.5 अरब तक पहुंचने का अनुमान है.
गार्टनर ने बुधवार को कहा कि सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाओं के साथ विभिन्न उपकरणों पर खर्च बढ़ने के साथ ही 2017 में आईटी पर खरकारी खर्च में 8.9 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है जो कि 7.8 अरब डॉलर का होगा.
गार्टनर के प्रमुख अनुसंधान विश्लेषक मोउतुसी साउ ने कहा, "उपकरणों पर खर्च जिसमें प्रिंटर/कॉपियर/मल्टी फंक्शनल प्रिंटर, मोबाइल डिवाइस, पीसी और टैबलेट शामिल है. उन पर किए जाने वाले खर्च में साल 2017 में सबसे ज्यादा तेजी का अनुमान है जो 21 फीसदी की तेजी के साथ 1 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा."
साउ ने कहा, "साल 2018 तक यह 9.4 फीसदी बढ़कर 1.1 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा."
2017 में सॉफ्टवेयर पर होने वाले खर्च में 15.6 फीसदी की वृद्धि होगी और 2018 में इसमें और 15.1 फीसदी की वृद्धि होगी तथा यह 1.2 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा.
आईटी सेवाओं पर खर्च में 2017 में 15.3 फीसदी की बढ़ोतरी होगी और यह 2 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा तथा 2018 में यह 13.8 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2.3 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा.
गार्टनर इंडिया के प्रबंध उपाअध्यक्ष गणेश राममूर्ति ने बताया, "भारत के सरकारी क्षेत्र के खर्च में एक बार फिर तेजी आई है जिसमें पिछली दो तिमाहियों में नोटबंदी और औद्योगिक उत्पादन में गिरावट के कारण मंदी छाई थी."
सरकार की नई इलेक्ट्रॉनिक नीति, सॉफ्टवेयर उत्पाद नीति और डेटा सुरक्षा नीति से आईटी पर किए जाने वाले सरकारी खर्च में निकट भविष्य में बढ़ोतरी होगी.