TRAI ने कर ली तैयारी, 10 दिसंबर से लागू होने जा रहा नया सिस्टम, OTP समेत सभी मैसेज पर पड़ेगा प्रभाव

Updated on 02-Dec-2024

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए 1 दिसंबर से एक रूल जारी करने वाला था. इससे टेलीकॉम ऑपरेटर्स को कमर्शियल मैसेज के सोर्स का पता करना जरूरी होगा. पहले कयास लगाए जा रहे थे कि इससे वन-टाइम पासवर्ड (OTP) मिलने में देरी हो सकती है. लेकिन, TRAI ने साफ कर दिया बिना किसी देरी के ओटीपी लोगों को मिलते रहेंगे. अब इस नए सिस्टम को लागू करने की डेट को बढ़ा दिया गया है.

TRAI ने अब कमर्शियल मैसेज के सोर्स का पता लगाने के लिए एक सिस्टम लागू करने की समयसीमा को बढ़ाकर 10 दिसंबर करने का फैसला लिया है. यानी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को इसे लागू करने का 10 दिन का एक्स्ट्रा टाइम मिल गया है. यानी अब यह सिस्टम 10 दिसंबर से लागू होगा. जिससे स्पैम, स्कैम और साइबर क्राइम का मुकाबला करने में मदद मिलेगी.

TRAI का बयान

TRAI के अनुसार 27,000 से अधिक प्रमुख संस्थाओं (PEs) ने पहले ही अपनी संचार सीरीज को रजिस्टर कर लिया है. इसके अलावा रजिस्ट्रेशन प्रोसेस तेजी से आगे बढ़ रहा है. टेलीकॉम ऑपरेटर गैर-अनुपालक PEs और टेलीमार्केटर्स को रजिस्ट्रेशन के लिए नोटिस जारी कर रहे हैं.

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ट्राई ने कहा है कि “11 दिसंबर 2024 से, कोई भी ट्रैफिक (मैसेज) जहां टेलीमार्केटर्स की सीरीज परिभाषित नहीं है या पूर्व-परिभाषित सीरीज से मेल नहीं खाती है, उसे अस्वीकार कर दिया जाएगा. PEs और TMs को फिर से सलाह दी जाती है कि वे प्राथमिकता के आधार पर सीरीज की घोषणा में तेजी लाएं क्योंकि ट्रेसबिलिटी नियमों का पालन करने में विफल रहने वाले किसी भी मैसेज को 11 दिसंबर 2024 से अस्वीकार कर दिया जाएगा.”

भारत में कितने कमर्शियल मैसेज प्रोसेस होते हैं?

भारत में प्रतिदिन अनुमानित 1.5-1.7 बिलियन कमर्शियल मैसेज प्रोसेस होते हैं. इससे यह साफ है कि अगर अपंजीकृत संदेशों को ब्लॉक कर दिया जाता है तो कितनी बड़ी दिक्कत पैदा हो सकती है. इस असुविधा को कम करने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने टेलीमार्केटर्स और PEs को डेली रिपोर्ट भेजने की प्रतिबद्धता जताई है.

आपको बता दें पहले इस नियम को एक महीने पहले ही लागू करना था. लेकिन, सिस्टम डेवलप ना होने की वजह से इसको लागू करने का समय 1 दिसंबर कर दिया गया था. अब ट्राई की ओर से 10 दिन का और समय दिया गया है. इससे आम यूजर्स को स्पैम मैसेज से छुटकारा मिलेगा.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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