2015 में शुरू किए गए इंटरनेट साथी कार्यक्रम का उद्देश्य पूरे भारत में 3,00,000 गांवों तक पहुंचने और गांवों की महिलाओं को इंटरनेट का लाभ उठाने के लिए सक्षम बनाना है।
ग्रामीण भारत की महिलाओं के बीच डिजिटल साक्षरता को बढ़ाने के कार्यक्रम के तहत गूगल इंडिया और टाटा ट्रस्ट ने मंगलवार को एक नए टिकाऊ रूपरेखा की घोषणा की, जो ग्रामीण भारत में उद्यमिता आंदोलन की स्थापना करेगी। नई पहल के तहत, गूगल टाटा ट्रस्ट के इंटरनेट साथी कार्यक्रम के विस्तार के तहत बनाए गए फाउंडेशन, फाउंडेशन फॉर रूरल एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (फ्रेंड) के साथ मिलकर काम करेगी, जो लाखों ग्रामीण महिलाओं को डिजिटल साक्षरता प्रदान करता है।
फ्रेंड इंटरनेट साथी के लिए डिजिटल रूप से सक्षम जीवनयापन अवसर पैदा करेगा।
गूगल के विपणन प्रमुख (दक्षिण-पूर्वी एशिया और भारत) सपना चड्ढा ने एक बयान में कहा, "सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, हजारों इंटरनेट साथी चकित करनेवाली चीजें कर रहे हैं।"
चड्ढा ने कहा, "इन्हीं आत्मविश्वासी लोगों ने टाटा ट्रस्ट के साथ एक नया टिकाऊं ढांचा तैयार करने के लिए प्रेरित किया, जिसका उद्देश्य इंटरनेट साथियों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है।"
इस फाउंडेशन के माध्यम से, कंपनियां और संस्थान ग्रामीण क्षेत्रों में सूचना और सेवाओं के प्रसार के लिए इंटरनेट साथी नेटवर्क का उपयोग करेंगे, जिससे ग्रामीण भारत में महिलाओं के लिए आय का नया अवसर पैदा होगा।
बयान में कहा गया है कि भारत भर में 12,000 से अधिक इंटरनेट साथियों ने स्वेच्छा से अपने गांवों में इंटरनेट साथी कार्यक्रम के अगले चरण के रूप में परियोजनाएं शुरू करने के लिए हस्ताक्षर किए हैं।
चड्ढा ने कहा, "हम खुश हैं कि कई संगठन पहले से ही इस मंच की ताकत का परीक्षण कर चुके हैं। हमें विश्वास है कि गूगल के साथ हम ग्रामीण भारत में एक बहुत बड़े उद्यमशीलता आंदोलन की स्थापना कर रहे हैं।"
2015 में शुरू किए गए इंटरनेट साथी कार्यक्रम का उद्देश्य पूरे भारत में 3,00,000 गांवों तक पहुंचने और गांवों की महिलाओं को इंटरनेट का लाभ उठाने के लिए सक्षम बनाना है।