अमेरिकी सरकार को प्रभावित करने के लिए गूगल ने साल 2017 में कॉरपोरेट लॉबिंग में अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की तुलना में सबसे ज्यादा धन खर्च किया और किसी प्रौद्योगिकी कंपनी द्वारा पिछले दो दशकों में लॉबिंग पर सबसे ज्यादा धन खर्च करने वाली कंपनी बन गई।
टाइम डॉट कॉम ने बुधवार को फेडरल डिस्क्लोजर रिपोर्ट के हवाले से बताया कि गूगल (पैरेंट कंपनी अल्फाबेट का हिस्सा) ने 2017 में नेताओं के साथ लॉबिंग पर कुल 1.8 करोड़ डॉलर खर्च किए।
रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनियों के लॉबिस्ट सांसदों तथा राष्ट्रपति कार्यालय पर कई मुद्दों पर अपने हित में दवाब बनाते हैं, जिसमें विज्ञापन विनियमन, साइबर सुरक्षा, मुक्त व्यापार और आव्रजन प्रमुख हैं।
प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा लॉबिंग में तेज बढ़ोतरी तब देखी गई है, जब अमेरिका में 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में कथित रूसी प्रभाव को रोकने में असफल रहने पर उनमें से फेसबुक और ट्विटर समेत कई की जांच की जा रही है।
टाइम डॉट कॉम ने बताया कि फेसबुक ने लॉबिंग पर करीब 30 लाख डॉलर, एप्पल ने 23 लाख डॉलर और अमेजन ने 20 लाख डॉलर खर्च किए हैं। अमेरिकी सरकार को प्रभावित करने के लिए गूगल ने साल 2017 में कॉरपोरेट लॉबिंग में अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की तुलना में सबसे ज्यादा धन खर्च किया और किसी प्रौद्योगिकी कंपनी द्वारा पिछले दो दशकों में लॉबिंग पर सबसे ज्यादा धन खर्च करने वाली कंपनी बन गई।
टाइम डॉट कॉम ने बुधवार को फेडरल डिस्क्लोजर रिपोर्ट के हवाले से बताया कि गूगल (पैरेंट कंपनी अल्फाबेट का हिस्सा) ने 2017 में नेताओं के साथ लॉबिंग पर कुल 1.8 करोड़ डॉलर खर्च किए।
रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनियों के लॉबिस्ट सांसदों तथा राष्ट्रपति कार्यालय पर कई मुद्दों पर अपने हित में दवाब बनाते हैं, जिसमें विज्ञापन विनियमन, साइबर सुरक्षा, मुक्त व्यापार और आव्रजन प्रमुख हैं।
प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा लॉबिंग में तेज बढ़ोतरी तब देखी गई है, जब अमेरिका में 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में कथित रूसी प्रभाव को रोकने में असफल रहने पर उनमें से फेसबुक और ट्विटर समेत कई की जांच की जा रही है।
टाइम डॉट कॉम ने बताया कि फेसबुक ने लॉबिंग पर करीब 30 लाख डॉलर, एप्पल ने 23 लाख डॉलर और अमेजन ने 20 लाख डॉलर खर्च किए हैं।