अब गूगल भारत में भी अपने प्रोजेक्ट लून के तहत इंटरनेट की सुविधा मुहैया कराएगा. हमारे देश की सरकार ने गूगल के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है और अब लग रहा है कि हमारे देश में भी एक गुब्बारे के माध्यम से सभी को इंटरनेट मिल सकेगा. बता दें कि इस प्रोजेक्ट में जमीन से लगभग 20 किलोमीटर की उंचाई पर एक बैलून (गुब्बारा) लगाया जाएगा जिसकी सहायता से आसपास के सभी इलाकों में इंटरनेट आसानी से पहुँच जाएगा. इस प्रोजेक्ट के आ जाने से भारत के लगभग सभी इलाकों में इंटरनेट सुविधा को बल मिलेगा.
भारत में इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए गूगल ने हमारे देश की सरकार से प्रोजेक्ट लून और और ड्रोन आधारित इंटरनेट ट्रांसमिशन की मंजूरी मांगी थी. जो अब मंजूर हो गई है, लेकिन बता दें कि सरकार ने भी केवल इस प्रोजेक्ट के पायलट फेज के परीक्षण को मंजूरी दी है. इसके अलावा गूगल अभी इससे आगे नहीं बढ़ सकता है. हालाँकि बता दें कि इस देशों में जैसे न्यूजीलैंड, कैलिफोर्निया(अमेरिका) और ब्राजील में इस टेक्नोलॉजी का परिक्षण पहले ही किया जा चुका है. इसके साथ ही बता दें कि गूगल भारत में इस प्रोजेक्ट के परीक्षण के लिए शुरूआती दौर में बीएसएनएल के साथ अपना हाथ मिला सकती है. यह प्रोजेक्ट अपने आप में इतना सक्षम है कि इसे स्थापित करने के बाद 40 से 80 किलोमीटर के इलाकों में बड़ी आसानी से इंटरनेट पहुँच सकेगा. तो कहा जा सकता है कि यह अपने आप ने एक ख़ास और बड़ा प्रोजेक्ट है जो बिना किसी तार के आपको इंटरनेट की सुविधा देगा. आसमान से ही आपको इंटरनेट मिल सकेगा.
इसके साथ ही कहा जा सकता है कि इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद सरकार उन सभी इलाकों में भी इंटरनेट पहुंचा सकेगी जहां इसका जाना संभव नहीं है. दूर दराज एक इलाकों में भी इस प्रोजेक्ट के तहत इंटरनेट से पहुंचाने पर बल दिया जा रहा है. साथ ही जहां और जिन इलाकों में अभी तक इंटरनेट नहीं पहुँच सका है. वहां भी सभी को इंटरनेट मिल सकेगा. इसके साथ ही सबसे बड़ी बात यह है कि यह मोबाइल टावर्स की जगह बड़ी आसानी से ले लेगा जिनके द्वारा कहा जाता रहा है कि बड़े पैमाने पर रेडिएशन फैलता जा रहा है जो कैंसर का भी कारण बनता है, अब यह बात अलग है कि इस बैलून के माध्यम से भी रेडिएशन फैलता है कि नहीं यह देखा जाना बाकी है. इस प्रोजेक्ट को गूगल पूरी दुनिया में लागू करने की योजना बना रहा है और इसके माध्यम से वह सभी को 24 घंटे इंटरनेट देने की भी बात कह रहा है.