टेक जायंट गूगल ने अपने आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI)-चैटबॉट Bard में कुछ नए सुधार किए हैं और बेहतर लॉजिक शामिल किए हैं। गूगल ने बुधवार को एक ब्लॉगपोस्ट में कहा कि, अब बार्ड कंप्युटेशनल संकेतों को पहचानने और बैकग्राउन्ड में कोड को चलाने के लिए “इम्प्लिसिट कोड एग्ज़ीक्यूशन” नाम की एक नई तकनीक का उपयोग करता है।
इसका नतीजा यह होगा कि अब बार्ड स्ट्रिंग मैनीपुलेशन, कोडिंग के सवाल और मैथमैटिकल ऑपरेशंस का जवाब और भी सही तरीके से दे सकेगा।
यह भी पढ़ें: Confirm! iQOO का यह धाकड़ 5G फोन इस दिन भारत में लेगा एंट्री, ये 5 खास फीचर्स जीत लेंगे ग्राहकों का दिल
आगे कंपनी ने यह भी कहा कि, “हमारे नए मेथड की मदद से बार्ड अपनी रीज़निंग और मैथ क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कोड जनरेट और एग्ज़ीक्यूट कर सकता है। इसकी प्रेरणा ह्यूमन इंटेलिजेंस में अच्छी तरह अध्ययन किए हुए dichotomy से ली गई है, जिसे खासकर Daniel Kahneman की बुक ‘Thinking, Fast and Slow’ में कवर किया गया है जिसमें ‘System 1’ और ‘System 2’ थिंकिंग के बारे में अलग-अलग जानकारी दी गई है।
सिस्टम 1 थिंकिंग फास्ट और एफ़र्टलेस है। वहीं दूसरी ओर सिस्टम 2 थिंकिंग स्लो और एफ़र्टफुल है।
लेटेस्ट अपडेट के साथ कंपनी ने बार्ड के जवाबों की सटीकता में सुधार करने के लिए लार्ज लैंगुएज मॉडल (LLMs) (System 1) और ट्रैडिशनल कोड (System 2) दोनों की क्षमता शामिल की है।
टेक जायंट ने कहा कि, “हमने देखा है कि यह मेथड इंटरनल चैलेंज डेटासेट्स में कम्यूटेशन-आधारित वर्ड और मैथ प्रॉब्लम्स के लिए बार्ड के जवाबों की सटीकता में लगभग 30% सुधार करता है।
साथ ही कंपनी ने यह भी घोषणा की है कि अब Bard गूगल शीट्स में एक नया एक्सपोर्ट ऑप्शन ऑफर करता है।
इस नए फीचर की मदद से यूजर्स उन टेबल्स को एक्सपोर्ट कर सकते हैं जो बार्ड अपने जवाबों में सीधे शीट्स पर बनाता है।