गूगल ने कथक साम्राज्ञी सितारा देवी के सम्मान में बनाया डूडल

गूगल ने कथक साम्राज्ञी सितारा देवी के सम्मान में बनाया डूडल
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डूडल में कथक नृत्यांगना गुलाबी रंग के परिधान में नृत्य की मुद्रा में नजर आ रही हैं. उनकी तस्वीर और उसके आसपास वाद्य यंत्र - घुंघरू, तबला और सितार मिलकर 'गूगल' शब्द को पूरा कर रहे हैं.

सर्च इंजन गूगल ने बुधवार को 'नृत्य साम्राज्ञी' सितारा देवी की 97वीं जयंती के मौके पर उनके सम्मान में डूडल बनाया. 

डूडल में कथक नृत्यांगना गुलाबी रंग के परिधान में नृत्य की मुद्रा में नजर आ रही हैं. उनकी तस्वीर और उसके आसपास वाद्य यंत्र – घुंघरू, तबला और सितार मिलकर 'गूगल' शब्द को पूरा कर रहे हैं.

विख्यात शास्त्रीय नृत्यांगना का जन्म 1920 में कोलकाता (उस समय कलकत्ता) में रहने वाले बनारस के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था.

उनके पिता सुखदेव महाराज एक स्कूल शिक्षक थे लेकिन वह कथक भी करते थे. 

सितारा देवी ने 10 साल की उम्र से अकेले प्रस्तुति देना शुरू कर दिया था. 

जब उनका परिवार बंबई (अब मुंबई) में स्थानांतरित हुआ, तो उन्होंने आतिया बेगम पैलेस में कथक की प्रस्तुति दी, जो केवल चुनिंदा दर्शकों के लिए ही था. इस कार्यक्रम में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर, स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू और पारसी परोपकारी सर कोवासजी जहांगीर शामिल थे.

केवल 16 की उम्र में सितारा देवी ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया था. वहां बैठे टैगोर ने उनकी प्रस्तुति से प्रभावित होकर उन्हें 'नृत्य साम्राज्ञी' की उपाधि दे दी.

सितारा देवी ने लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल और न्यूयॉर्क के कार्नेगी हॉल जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कथक प्रस्तुति दी.

IANS

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