प्लस कोड का इस्तेमाल कर कोई भी आसानी एड्रेस सर्च और शेयर कर सकता है. यूजर्स प्लस कोड का उपयोग कर मोबाइल या डेस्कटॉप पर मैप्स में सर्च कर सकते हैं या Google सर्च में भी डायरेक्ट सर्च कर सकते हैं.
Google ने वॉयस नैविगेशन के लिये 6 और भारतीय भाषाओं को जोड़ने के साथ ही अपने मैप (मानचित्र) सर्विस के लिये एक नये प्लस कोड फीचर की घोषणा की है. कंपनी ने इस ऐप में 'स्मार्ट एड्रेस सर्च', ' ऐड एन एड्रेस' जैसे दूसरे ऐप फीचर भी जोड़े हैं.
Google का कहना है कि प्लस कोड एक ओपन सोर्स समाधान हैं, जो '6-कैरेक्टर+सिटी' प्रारूप में स्थानीय कोड और क्षेत्र को जोड़कर काम करता है. यह एक स्मार्टफोन या पीसी पर गूगल मैप्स के साथ किसी भी व्यक्ति द्वारा क्रिएट और उपयोग किया जा सकता है, और इसे Google सर्च में लोकेशन डाल कर डायरेक्ट सर्च भी किया जा सकता है.
कंपनी का कहना है कि इसे कई कारणों से इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे एक अस्थायी इवेंट स्थल का संचार करना, आपदा स्थानों पर आपातकालीन सेवाएं प्रदान करना, और जटिल एड्रेस के लिए एक पहचान योग्य स्थान (लैंडमार्क) प्रदान करना.
इसके अतिरिक्त, Google मैप्स अब एक जटिल एड्रेस का पता लगाने का आसान तरीका है.Google ने स्मार्ट एड्रेस सर्च की शुरुआत की है, जिसके तहत अगर यूजर्स को किसी स्थान का सटीक एड्रेस ना पता हो तो उस स्थान के पास का एड्रेस प्रदान करता है.
इसके अलावा, Google ने वॉयस नेविगेशन के लिए 6 नई भारतीय भाषाओं की घोषणा की जिसमें बंगाली, गुजराती, कन्नड़, तेलगु, तमिल और मलयालम शामिल हैं. सेटिंग्स मेन्यू के अंतर्गत मैप्स 'नेविगेशन सेटिंग्स के तहत वॉयस चयन विकल्प पर जाकर अब अपनी पसंद की उल्लिखित भाषाओं में से चयन कर सकते हैं. मैप्स ने तीन साल पहले हिंदी में वॉयस नेविगेशन के लिए सपोर्ट प्राप्त किया था.