Lok Sabha Election 2019 के लिए सर्च इंजन गूगल ने भी कमर कस ली है। अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर राजनीतिक विज्ञापनों में पारदार्शिता लाने के लिए ने जिम्मेदारी उठायी है। इसके लिए गूगल जल्द ही Political Ads Library भी लांच करने जा रहा है।
खास बातें:
भारत में राजनीतिक विज्ञापन से जुड़ी जानकारी देगा गूगल
Political Advertising Transparency रिपोर्ट और Political Ads Library होगी लॉन्च
विज्ञापनकर्ताओं की होगी पहचान
Twitter की तरफ से जहाँ इस बात की घोषणा हो चुकी है कि आने वाले Lok Sabha Election 2019 में पारदर्शिता लाने के लिए वह भी आगे आएगा, वहीँ सर्च इंजन गूगल भी अब इसमें हिस्सेदारी निभाने जा रहा है। गूगल ने भी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर ऑनलाइन इलेक्शन विज्ञापन को और भी साफ़-सुथरा, जिसमें किसी भी तरह की फेरबदल न हो, बनाने की जिमेदारी ली है। इसके साथ ही अब वोटर्स भी इलेक्शन से जुडी सभी जानकारी ले पाएंगे। कंपनी के मुताबिक ऑनलाइन इलेक्शन विज्ञापन में पूरी तरह से पारदर्शिता लाने के लिए गूगल India-specific Political Advertising Transparency Report पेश करेगा। इसके साथ ही Political Ads Library को भी लाएगा।
अब आप भी Google के ज़रिये भारत की राजनीतिक विज्ञापनों से जुड़ी हर खबर और जानकारी को गूगल पर पा सकते हैं। आपको बता दें की यह प्रोसेस मार्च 2019 से लाइव किया जायेगा। आपको बता दें कि इससे इस बात की भी नजानकारी आपको मिलेगी कि गूगल प्लेटफार्म पर कौन इलेक्शन एड्स को खरीद रहा है और इसमें कितना पैसा खर्च हो रहा है। गूगल ने इस तरह का फीचर US में इनेबल कर दिया है और अगर आप वेरिफ़िएड विज्ञापनकर्ताओं के बारे में जानना चाहते हैं कि Google Ads Services के ज़रिये वो गूगल पर ऐड देने के लिए कितना खर्चा कर रहें हैं, तो आप इस लिंक पर देख सकते हैं।
लोकेशन पर जाकर आप मेन्यू से राज्य सेलेक्ट करके खर्च के बारे में जान सकते हैं। इसके लिए आप "टॉप एडवर्टाइज़र" के नाम से भी विज्ञापनकर्ताओं या फिर ग्रुप को सर्च कर सकते हैं। चुनावों के लिए गूगल Election Commission of India और बाकी प्रमाणित सूत्रों से इलेक्टोरल इनफार्मेशन भी उपलब्ध करएगा।
Google India Public Policy के निदेशक Chetan Krishnaswamy ने अपने बयान में कहा है कि 2019 के आने वाले चुनाव में ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि लगभग 850 million भारतीय देश की आने वाली सरकार को चुनने के लिए अपना वोट देंगे। ऐसे में ऑनलाइन इलेक्शन विज्ञापनों में पारदर्शिता लाने के लिए यह कदम उठाया है।