गूगल ने डूडल के ज़रिए आज याद किया चिपको आंदोलन का 45वां साल
उत्तर प्रदेश के चमोली जिले में वर्ष 1973 में यह आंदोलन शुरू हुआ और इसकी पहल प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुन्दरलाल बहुगुणा ने की थी।
चिपको आंदोलन का लक्ष्य उस समय हो रही वनों की कटाई पर ध्यान देना था। सड़कों, बाँधों और उद्योगों के निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर वनों को काटा जा रहा था। उत्तर प्रदेश के चमोली जिले में वर्ष 1973 में यह आंदोलन शुरू हुआ और इसकी पहल प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुन्दरलाल बहुगुणा ने की थी।
जैसा कि चिपको शब्द से हमें पता चलता है इस आंदोलन में लोग पेड़ों को काटने से बचाने के लिए उन्हें चारों ओर से हाथों से घेर कर पकड़ लिया करते थे। इस आंदोलन की मुख्य बात यह थी कि इसमें महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था।
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आज के गूगल डूडल में दिखाया गया है कि जंगल में मौजूद पेड़ के चारों ओर महिलाएं घेरा बनाए खड़ी हुई हैं और उन्होंने एक दूसरे के हाथों को पकड़ कर पेड़ को सुरक्षित रखने के लिए घेरा बनाया है।
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मूल चिपको आंदोलन की शुरुआत 18 वीं सदी में राजस्थान में हुई थी। बिश्नोई समुदाय के लोगों के एक बड़े समूह ने पेड़ों की कटाई का विरोध किया। दरअसल, जोधपुर के महाराजा के आदेश पर पेड़ों को काटा जा रहा था लेकिन आंदोलन के तुरंत बाद उन्होंने सभी बिश्नोई गांवों में पेड़ों को काटने पर रोक लगाने के लिये एक शाही आदेश दिया।