आए दिन सोशल मीडिया पर कई तरह की ख़बरें आती रहतीं हैं। इन खबरों में कई खबरें सही होती हैं तो कई ऐसी भी होती हैं जिनका न सर होता है और न पैर मतलब की फ़ेक न्यूज़। इस तरह की खबरें अफ़वाह होती हैं जिनका कोई आधार नहीं होता है। ऐसे में इसे रोकने के लिए US की Michigan University के वैज्ञानिकों ने एक टूल बनाया है। आपको बता दें कि NewsWhip, एक सोशल मीडिया इंगेजमेंट फ़र्म है जो हर दिन हज़ारों साइट्स पर URL कलेक्ट करती है। इसके बाद यह जानकारी इकठ्ठा करती है कि उनमें से कितनी साइट Facebook और Twitter पर उपलब्ध हैं।
'Iffy Quotient' NewsWhip से Facebook और Twitter पर उपलब्ध होने वाले सबसे पॉपुलर टॉप 5,000 URL के बारे में पूछता है। इसके बाद टूल के ज़रिए यह चेक किया जाता है कि क्या वो डोमेन 'Media Bias/Fact Check' की तरफ से मार्क की गयीं हैं या नहीं। Media Bias/Fact Check एक इंडिपेंडेंट साइट है जो सभी साइट को उनकी विश्वसनियता और पक्षपात के आधार पर अलग करता है। Media Bias/Fact Check list के आधार पर URL को टूल के ज़रिए तीन भागों में बांटा गया है। 'Iffy', 'OK' और 'Unknown' . Iffy, अगर साइट संदिग्ध सोर्स या कांस्पीरेसी लिस्ट में है, OK, अगर साइट किसी दूसरी लिस्ट में है जैसे Left-Bias, Right-Bias या Satire औरUnknown, जब साइट किसी भी लिस्ट में नहीं है।
2017 से यह देखा जा रहा है कि दोनों ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म कंपनियों ने मिसइन्फोर्मशन पर रोक लगाने के अपने वादे को निभाया है। ऐसा पाया गया है कि 2017 से Facebook Iffy Quotient का स्तर तेजी से नीचे गिरकर वापस 2016 के लेवल पर ही आ गया। अगर ट्विटर और फेसबुक, दोनों की तुलना करें तो अबतक Facebook Iffy Quotient का स्तर ज़्यादा नीचे आ पंहुचा है।