फेसबुक खुद को विनियमित नहीं कर सकता : पूर्व कर्मचारी

फेसबुक खुद को विनियमित नहीं कर सकता : पूर्व कर्मचारी
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फेसबुक जानता है कि आप क्या पसंद करते हैं, आपकी लोकेशन, आपके मित्र, आपकी रुचियां, आप संबंधों में हैं या नहीं, और अन्य वेबसाइटों पर भी आप क्या देखते हैं. ये आंकड़े विज्ञापनदाताओं को रोजाना एक अरब से ज्यादा फेसबुक यूजर्स को लक्षित करने में सक्षम बनाते हैं.

बात जब निजी जानकारियों की आती है, तो नीति निर्माताओं को फेसबुक को खुद से ही विनियमित होने की अनुमति नहीं देनी चाहिए, क्योंकि ऐसा हो नहीं सकता. सोशल मीडिया दिग्गज के एक पूर्व कर्मचारी ने यह बात कही है. न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखे एक लेख में सैंडी पाराकिलास ने कहा कि फेसबुक को कड़ाई से विनियमित करने की या उसे तोड़कर कई कंपनियों में अलग कर देने की जरूरत है, ताकि किसी एक निकाय का सभी आंकड़ों पर नियंत्रण न हो. वे फेसबुक की निजता संबंधी समस्याओं को ठीक करनेवाले दल के प्रमुख थे. 

पाराकिलास ने सोमवार देर रात प्रकाशित अपने लेख में कहा है, "फेसबुक जानता है कि आप क्या पसंद करते हैं, आपकी लोकेशन, आपके मित्र, आपकी रुचियां, आप संबंधों में हैं या नहीं, और अन्य वेबसाइटों पर भी आप क्या देखते हैं. ये आंकड़े विज्ञापनदाताओं को रोजाना एक अरब से ज्यादा फेसबुक यूजर्स को लक्षित करने में सक्षम बनाते हैं."

जब रूस ने 2016 के चुनाव के दौरान अमेरिकियों को लक्षित करने का फैसला किया, तो उन्होंने कोई टीवी या अखबार का विज्ञापन नहीं खरीदा और न किसी लेख लिखनेवाले को किराए पर लिया. 

पूर्व फेसबुक कर्मचारी ने कहा, "वे फेसबुक के पास गए, जिसकी पहुंच 12.6 करोड़ अमेरिकियों तक थी. तथ्य यह है कि फेसबुक यूजर्स के संरक्षण और नियमों के अनुपालन से कहीं अधिक प्राथमिकता डेटा संग्रहण को देता है."

अब कंपनी सरकार से यह गुजारिश कर रही है कि उसे खुद को विनियमित करने का मौका दिया जाए, ताकि दोबारा ऐसा होने से रोका जा सके.

पाराकिलास ने कहा, "मेरा अनुभव कहता है कि ऐसा नहीं हो सकता."

अमेरिकी कांग्रेस ने 2016 के चुनाव के दौरान सोशल मीडिया दिग्गज का इस्तेमाल करते हुए रूस के हस्तक्षेप की जांच करते हुए नए गोपनीय दस्तावेजों का खुलासा किया है, जिससे पता चलता है कि फेसबुक और ट्विटर को उन कंपनियों से भारी निवेश प्राप्त हुआ था, जिसकी क्रेमलिन के स्वामित्व वाली कंपनियों से साझेदारी है. 

इन दस्तावेजों को 'पैराडाइज पेपर' नाम दिया गया है, जिसे जर्मनी के अखबार सुइट्डाइचे जीतंग द्वारा प्राप्त किया गया था और अंतर्राष्ट्रीय खोजी पत्रकार संघ (आईसीआईजे) द्वारा इसकी समीक्षा की गई और दुनिया भर के कई मीडिया संस्थानों ने इसका प्रकाशन किया. 

2016 के अमेरिकी चुनाव में रूस के कथित दखल के बाद अमेरिकी सांसद सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नए नियमों पर विचार कर रहे हैं 

IANS

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