सोशल नेटवर्क के यूजर्स द्वारा पोस्ट किए गए नफरत भरे संदेशों को हटाने में एक जांच में कोताही बरतने का मामला सामने आने के बाद फेसबुक ने माफी माँगी है.
प्रोपब्लिका द्वारा इस हफ्ते की गई जांच से पता चला है कि फेसबुक ने समीक्षा के बाद भी एक ऐसी तस्वीर को मंजूरी दे दी, जिसमें एक लाश दिख रही और लिखा था, "अच्छा मुस्लिम केवल वही हो सकता है, जो लाश हो." जबकि एक दूसरे पोस्ट में कहा गया था "मुस्लिमों की मौत". हालांकि इन्हें अब हटा दिया गया है.
अमेरिका की गैर लाभकारी संस्था ने 900 पोस्ट्स की समीक्षा के बाद पाया कि फेसबुक के सामग्री समीक्षा करने वाले एक जैसी सामग्रियां होने के बावजूद उनके प्रति अलग-अलग रवैया अपनाते हैं और हमेशा कंपनी के दिशा-निर्देशों के मुताबिक भी काम नहीं करते.
प्रोपब्लिका ने फेसबुक को 49 आइटमों के नमूने भेजकर उससे उस पर सफाई माँगी.
फेसबुक ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि उससे सेंसर करने में गलती हो गई. इनमें से ज्यादातर नफरती संदेश थे, जिन्हें हटाने में फेसबुक नाकाम रहा.
फेसबुक के उपाध्यक्ष जस्टिन ओसोफ्स्की के हवाले से प्रोपब्लिका ने कहा, "हम अपनी गलतियों के लिए माफी मांगते हैं. हमें और अच्छा करना चाहिए."