दिल्ली-आगरा-जयपुर के 500 किलोमीटर ई-हाईवे का काम मार्च 2023 तक पूरा होने की उम्मीद की जा रही है। बताया जा रहा है कि इसपर सफर करने वाली गाड़ियां अगर खराब होती हैं, तो महज 30 मिनट में उसतक आपातकालीन तकनीकी सहायता पहुंचा दी जाएगी। ये सब एक ट्रेकिंग सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: A15 Bionic SoC चिपसेट के साथ लॉन्च हुए iPhone 14, iPhone 14 Plus: भारत में ये है कीमत
नेशनल हाईवे फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल द्वारा किए जा रहे के ट्रायल में कई संतोषजनक परिणाम सामने आए हैं। इसमें से एक है गाड़ियों तक आपातकालीन स्तिथि में तकनीकी सहायता पहुंचना। प्रोजेक्ट डायरेक्टर अभिजीत सिन्हा ने बताया कि उनके द्वारा चलाई जाने वाली सभी बसों और कारों में एक खास तकनीक का ट्रेकिंग डिवाइस लगाया गया है। अगर कोई इलेक्ट्रिक कैब बुक करके ई-हाईवे पर सफर कर रहा है और उसकी गाड़ी खराब हो जाती है तो महज 30 मिनट में सहायता पहुंचाई जाएगी।
अभिजीत सिन्हा ने बताया कि गुरुग्राम में उनका एक कंट्रोल रूम होगा जहां से पूरे 500 किलोमीटर के ई-हाईवे को मॉनिटर किया जाएगा। अगर कोई गाड़ी खराब होती है, तो ट्रेकिंग सिस्टम जानकारी देगा कि गाड़ी कौन से चाजिर्ंग स्टेशन को पार कर कितने किलोमीटर आगे पहुंची है। फिर उस स्टेशन से तुरंत दूसरी गाड़ी के जरिये आधा घंटा में सहायता पहुंचा दी जाएगी। आमतौर पर अन्य गाड़ियों के खराब होने पर मैकेनिक और सहायता पहुंचने में घंटों लग जाते हैं। ये ट्रेकिंग सिस्टम के जीआईएस मैपिंग के जरिए काम करता है। अगर कोई व्यक्ति अपनी प्राइवेट इलेक्ट्रिक कार में इसे लगवाना चाहेगा तो उसका अनुमानित खर्च 6-7 हजार के आसपास आएगा। वो व्यक्ति भी नेशनल हाईवे फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी की सहायता ले सकता है।
यह भी पढ़ें: डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर 3 नई वेब सीरीज
नेशनल हाईवे फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल अपनी गाड़ियों के ड्राइवर पर भी पूरी निगरानी रखेगी। अभिजीत सिन्हा ने बताया कि जिस तरह किसी बैंक में खाताधारक का सिबिल स्कोर होता है, उसी तरह उनके ड्राइवर का भी सिबिल स्कोर मैनेज किया जाएगा। कोई भी ड्राइवर गलत तरीके से गाड़ी चलाता है, या यात्री से अभद्रता करता है, तो एक राडार सिस्टम के जरिए वीडियो, वॉइस नोट और लोकेशन से सभी चीजें कंट्रोल रूम में दर्ज हो जाएंगी।
कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सफर कर रहे यात्री का डेटा भी कंपनी के सर्वर में 5 साल तक रखा जा सकता है। हालांकि ये डेटा बिना यात्री की अनुमति के किसी तीसरे व्यक्ति को नहीं दिया जाएगा। वहीं ये भी बताया गया है कि आज देश मे कितनी इलेक्ट्रिक गाड़ियां चल रही हैं, इसका सही सही आंकड़ा मौजूद नहीं है। इसके लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर इलेक्ट्रिक व्हीकल रजिस्ट्रेशन सिस्टम भी इसी ई-हाइवे के साथ शुरू किया जा रहा है, ताकि असली आंकड़ा मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें: A15 Bionic SoC चिपसेट के साथ लॉन्च हुए iPhone 14, iPhone 14 Plus: भारत में ये है कीमत