अब जल्द ही तैयार हो जाइये एक नए तरीके से अपनी ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए और एक नया और अनोखा एक्सपीरियंस लेने के लिए। अब आपके प्रोडक्ट्स की होम डिलीवरी के लिए ड्रोन्स तैयार किये जा रहे हैं। जी हाँ, भारत सरकार ने भी इसकी मंज़ूरी दे दी है। अब ऐसा हो सकता है कि आने वाले दिनों में यह संभव हो। ऐसे में अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां घर-घर आपका प्रोडक्ट पहुंचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल केना शुरू कर सकती हैं।
आपको बता दें कि भारत सरकार ने हाल ही में इस योजना की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही ड्रोन पॉलिसी के ड्राफ्ट रूल को जल्द पेश किया जा सकता है। आपको बता दें कि इस प्रपोजल की जानकारी 'सिविल एविएशन मिनिस्ट्री' की तरफ से आयोजित किये गए गए दो दिन के Global Aviation शो में दी गई।
सरकार ने ड्रोन से जुड़ी पॉलिसी के तहत देश में ड्रोन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए 100 पर्सेंट FDI की इजाजत दे दी है। इसके साथ ही ड्रोन पोर्ट के साथ ही 'डेडिकेटेड ड्रोन कॉरिडोर' बनाने का प्रस्ताव भी दिया है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को अब पॉलिसी ड्राफ्ट जारी करना होगा। आपको बता दें कि यह तभी लागू होगा जब रूल्स को मंजूरी मिल जाएगी। इससे पहले पिछले साल 2018 में सरकार की तरफ से ड्रोन पॉलिसी की आधिकारिक तौर पर घोषणा किये जाने से भारत का नाम चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल हो चुका है।
इसके साथ ही केंद्र सरकार का कहना था कि 1 दिसंबर 2018 से ड्रोन के ऑपरेशन की इजाजत देगी। सरकार ने ड्रोन को उनके वजन और इस्तेमाल के हिसाब से पांच कैटेगरी में बांटा था। इनका वज़न 250 ग्राम से 150 किलो से ज्यादा हो सकता है। सबसे छोटे नैनो कैटेगरी को छोड़कर बाकी माइक्रो, स्मॉल, मीडियम और लार्ज जैसी दूसरी कैटेगरी के लिए यूजर को रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
सरकार की तरफ से घोषित समय पर पॉलिसी पूरी तरह लागू नहीं हो पाई लेकिन सरकार ने ड्रोन रजिस्ट्रेशन कराने की इजाजत दे दी है। Aviation minister Jayant Sinha ने यह जानकारी दी है कि भारत में पहले ही बड़ी संख्या में ड्रोन का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। सरकार के अनुमान के मुताबिक देश में अब तक 40,000 ड्रोंस हैं। इसके साथ ही आने वाले 5 साल में यह संख्या बढ़कर 10 लाख के ऊपर जा सकती है।